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Fixed deposit को लेकर आरबीआई का नया नियम, मैच्योरिटी पर उठाना पड़ेगा भारी नुकसान आरबीआई के डिप्टी गवर्नर का बयान आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने गुरुवार को विधि फॉर सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी के वर्चुअल कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक आरबीआई डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लेकर पायलट आधार पर होलसेल और खुदरा दोनों तरफ पेश करेगा जिसके लिए काम किया जा रहा है। टी रवि शंकर ने भारत ही नहीं पूरी दुनिया के बैंको का केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) को लेकर हो रहे काम पर कहा कि आरबीआई भी इसपर अब सोच विचार से काफी आगे बढ़ गया है।
डिप्टी गवर्नर ने डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लेकर बने हुए लोगों के डर पर भी कहा कि कुछ डिजिटल करेंसी में असामान्य अस्थिरता को देख कर इसे बचाने की आवश्यकता है। इन करेंसी को किसी प्रकार की सरकारी गारंटी प्राप्त नहीं है जिसे लेकर कई देशों के केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी पर काम कर रहे हैं।
टी रवि शंकर ने अन्य देशों के केंद्रीय बैंक की तरह आरबीआई द्वारा किए जा रहे है सीबीडीसी के विभिन्न पहलुओं पर कामों पर बात की। फिलहाल सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को थोक और खुदरा क्षेत्र में पायलट आधार पर लागू किए जाने की योजना है।
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Master Card ban से बढ़ी चिंता, Sbi समेत इन 5 बैंको के ग्राहकों पर पड़ेगा सीधा असर RBI ACT में बदलाव की है जरूरत आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने Digital Currency को देश में लागू करने से पहले इंडियन रिजर्व एक्ट (indian Reserve Bank Act) में बदलाव को जरूरी बताया क्योंकि रिजर्व बैंक के कानून मुद्रा के भौतिक रूप को देखते हुए बनाए गए थे लेकिन डिजिटल करेंसी को लेकर हालात दूसरे होंगे जिसे लेकर काम किया जाना आवश्यक है।
क्या है डिजिटल करेंसी (Digital currency) यह एक प्रकार की अमूर्त करेंसी है जिसे आप संख्या में देख पाएंगे ये नोट की तरह नहीं होगी जिसे आप जेब में रख कर लेनदेन कर पाएंगे इसके लिए इंटरनेट जैसी सुविधा जरूरी होगी जिसके माध्यम से ही इसका लेनदेन किया जा सकेगा। आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी को डिजिटल करेंसी को लेकर अस्थिरता की स्थिति को देखते हुए लॉन्च किया जाएगा जिससे सरकार का नियंत्रण इसपर रहेगा।