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क्या है PAN 2.0? What is PAN 2.0?
PAN 2.0 मौजूदा परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) सिस्टम का अपग्रेडेड संस्करण है। यह नया सिस्टम डिजिटल सिक्योरिटी को मजबूत करेगा और टैक्सपेयर्स के लिए कागज रहित (पेपरलेस) प्रक्रियाओं को बढ़ावा देगा। इसके अंतर्गत ई-पैन को अनिवार्य किया जाएगा, जिससे आपको पैन नंबर तुरंत और डिजिटल रूप में प्राप्त होगा।PAN 2.0 के मुख्य फीचर्स (PAN 2.0 Main features)
डिजिटल सिक्योरिटी में सुधार PAN 2.0 डेटा चोरी और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए अत्याधुनिक सुरक्षा उपायों के साथ आएगा। यह डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित बनाएगा और पैन कार्ड सिस्टम को फुलप्रूफ बनाएगा। ई-पैन की अनिवार्यता अब पैन कार्ड पूरी तरह डिजिटल होगा। नया पैन कार्ड आवेदन करने वालों को ई-पैन के रूप में तुरंत कार्ड मिलेगा, जिससे कागज आधारित प्रक्रियाएं खत्म हो जाएंगी।
सिंगल आईडी के रूप में उपयोग (Use as a single ID)
PAN 2.0 प्रणाली भविष्य में पैन कार्ड को सभी वित्तीय सेवाओं के लिए एक यूनिवर्सल आईडी के रूप में स्थापित करेगी। यह सभी प्रकार के बैंकिंग, निवेश और टैक्स संबंधित कार्यों में उपयोगी होगा। आधार से इंटीग्रेशन (Integration with aadhaar) पैन और आधार का लिंक पहले से अनिवार्य है। PAN 2.0 के जरिए अन्य वित्तीय डेटा को भी एकीकृत किया जाएगा, जिससे टैक्स प्रणाली अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनेगी।
मौजूदा पैन कार्ड धारकों के लिए क्या है खास? (What is Special For Existing Pan Card Holders) नया आवेदन नहीं करना होगा जिनके पास पहले से पैन कार्ड है, उन्हें नया पैन कार्ड बनवाने की आवश्यकता नहीं होगी। मौजूदा पैन कार्ड अपने आप नए डिजिटल सिस्टम में अपग्रेड हो जाएगा।
डेटा कनेक्टिविटी में सुधार पुराने पैन कार्ड का डेटा नए डिजिटल मानकों के साथ जोड़ा जाएगा। इससे लेनदेन और टैक्स फाइलिंग में तेजी आएगी।
PAN 2.0 से जुड़े फायदे (Benefits of PAN 2.0)
तेज और सुरक्षित लेनदेन इस नए सिस्टम से टैक्स रिटर्न फाइलिंग और अन्य वित्तीय प्रक्रियाएं तेजी से पूरी होंगी। फर्जीवाड़े पर रोक PAN 2.0 के जरिए फर्जी पैन कार्ड और वित्तीय धोखाधड़ी को नियंत्रित करना आसान होगा।
पारदर्शी टैक्स प्रणाली यह प्रणाली टैक्स चोरी पर रोक लगाने के साथ-साथ टैक्स कलेक्शन को अधिक पारदर्शी बनाएगी। सिंगल प्लेटफॉर्म सुविधा पैन कार्ड भविष्य में सभी प्रकार के वित्तीय लेनदेन के लिए सिंगल आईडी का काम करेगा।
सरकार का उद्देश्य
इस पहल का मुख्य उद्देश्य डिजिटल इंडिया मिशन को मजबूत करना और टैक्सपेयर्स के लिए सुविधाजनक वातावरण तैयार करना है। पैन कार्ड को सभी वित्तीय लेनदेन के साथ जोड़कर सरकार टैक्स चोरी पर लगाम लगाना चाहती है। ये भी पढ़े:- SBI के इस Mutual Fund ने 2500 रुपये की SIP से बनाया करोड़पति! जानिए कैसे मिला छप्परफाड़ रिटर्न