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4 साल पहले आरबीआई ने पूंजी की अनिवार्यता कर दिया था 100 करोड़? इस बारे में ताजा अपडेट यह है कि कंपनी के पंजीकरण के बाद 100 करोड़ रुपए की शुरुआती पूंजी डालने की प्रक्रिया दिशानिर्देश के तहत की जा रही है। इसके बाद बैड बैंक का अगला कदम ऑडिट का होगा। उसके बाद आईबीए संपत्ति पुनर्गठन कंपनी के लिए लाइसेंस को रिजर्व बैंक के पास आवेदन करेगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने 2017 में पूंजी की अनिवार्यता को दो करोड़ रुपए से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपए कर दिया था। केंद्रीय बैंक का मानना है कि डूबे कर्ज को खरीदने के लिए कहीं अधिक राशि की जरूरत होती है। यह भी पढ़ें
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8 बैंक डालेंगे शुरुआती पूंजी बैड बैंक के लिए कानूनी सलाहकार एजेडबी एंड पार्टनर्स की सेवाएं विभिन्न नियामकीय मंजूरियां हासिल करने के लिए ली गई हैं। साथ ही यह अन्य कानूनी औपचारिकताओं को भी पूरा करने का काम जारी है। जानकारी के मुताबिक इसके लिए शुरुआती पूंजी आठ बैंक डालेंगे। इन बैंकों ने इसके लिए प्रतिबद्धता जताई है। रिजर्व बैंक की मंजूरी के बाद एनएआरसीएल अपनी पूंजी का आधार बढ़ाकर 6,000 करोड़ रुपए करेगी। इस बात की संभावना है कि रिजर्व बैंक की मंजूरी के बाद अन्य इक्विटी भागीदार इससे जुड़ेंगे। यहां तक कि इसके निदेशक मंडल का भी विस्तार किया जाएगा। बैड बैंक गठन की जिम्मेदारी आईबीए की फिलहाल, आईबीए को बैड बैंक के गठन की जिम्मेदारी दी गई है। एनएआरसीएल का शुरुआती बोर्ड का गठन हो चुका है। कंपनी ने भारतीय स्टेट बैंक के दबाव में संपत्ति विशेषज्ञ पीएम नायर को प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया है। बोर्ड के अन्य निदेशकों में आईबीए के मुख्य कार्यपालक सुनील मेहता, एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक एस एस नायर और केनरा बैंक के मुख्य महाप्रबंधक अजित कृष्ण नायर शामिल हैं।