सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के लिए क्या बदलेगा?
पहले जब कोई कंपनी अपने ब्रांड के प्रमोशन के लिए किसी प्रोफेशनल, इन्फ्लुएंसर या व्यक्ति को फ्री सैम्पल प्रोडक्टस देती थी तो इसकी राशि उसके अकाउंट में दर्ज होती थी। इसकी जानकारी आयकर विभाग के पास होती थी लेकिन जिसे ये लाभ मिला उसकी आय में इसका उल्लेख नहीं होता था। अब इस नए सेक्शन से ऐसे लोगों को भी ये जानकारी देनी होगी कि उन्हें किस ब्रांड या कंपनी के प्रचार के लिए क्या लाभ मिले हैं।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को अक्सर कई ब्रांड अपने प्रमोशन के लिए फ्री प्रोडक्टस देते हैं, ये लोग इसकी सर्विस का लाभ भी उठाते हैं। अब 1 जुलाई से जो भी फ्री प्रोडक्टस या सैम्पल किसी भी कंपनी या ब्रांड से इन्फ्लुएंसर को मिल रही है उसकी जानकारी उन्हें आयकर रिटर्न दाखिल करते समय देनी होगी।
पहले जब कोई कंपनी अपने ब्रांड के प्रमोशन के लिए किसी प्रोफेशनल, इन्फ्लुएंसर या व्यक्ति को फ्री सैम्पल प्रोडक्टस देती थी तो इसकी राशि उसके अकाउंट में दर्ज होती थी। इसकी जानकारी आयकर विभाग के पास होती थी लेकिन जिसे ये लाभ मिला उसकी आय में इसका उल्लेख नहीं होता था। अब इस नए सेक्शन से ऐसे लोगों को भी ये जानकारी देनी होगी कि उन्हें किस ब्रांड या कंपनी के प्रचार के लिए क्या लाभ मिले हैं।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को अक्सर कई ब्रांड अपने प्रमोशन के लिए फ्री प्रोडक्टस देते हैं, ये लोग इसकी सर्विस का लाभ भी उठाते हैं। अब 1 जुलाई से जो भी फ्री प्रोडक्टस या सैम्पल किसी भी कंपनी या ब्रांड से इन्फ्लुएंसर को मिल रही है उसकी जानकारी उन्हें आयकर रिटर्न दाखिल करते समय देनी होगी।
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इसपर टैक्स एण्ड प्राइवेट क्लाइंट ग्रुप Majmudar & Partners के टैक्स एक्सपर्ट रविशंकर राघवन ने जानकारी देते हुए कहा, “अक्सर ऐसे लोगों को ब्रांडस और कंपनी के जरिए लाभ मिलता रहा है, लेकिन सरकार के पास इसकी निगरानी करने का कोई तरीका नहीं था क्योंकि इसकी जानकारी ऐसे फेंस दिग्गज अपने इनकम टैक्स फाइलिंग में नहीं देते हैं। इसी के मद्देनजर ये नया सेक्शन जोड़ा जा रहा है।”किनपर नहीं लागू होगा ये सेक्शन?
हालांकि, नए नियम के तहत जिन प्रोडक्टस के दाम सालाना 20 हजार से कम हैं उनपर TDS की कटौती नहीं की जाएगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति अपने प्रमोशन के लिए किसी दूसरे व्यक्ति को भुगतान कर रहा है तो वो इसकी जानकारी अपनी आय में देता है, लेकिन अब इसका लाभ लेने वाले को भी इसकी जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही पेमेंट के दौरान ही TDS में कटौती कर ली जाएगी। 194 आर उन विक्रेताओं पर भी लागू होगी जो डिस्काउंट या अन्य ऑफर देते हैं, जो छूट नकद या कार, टीवी, कंप्यूटर, सोने का सिक्का, मोबाइल फोन, मुफ्त टिकट जैसे प्रोडक्टस के रूप में हो सकती है।
बता दें कि ऐसे व्यक्ति या बिजनसमैन जिनका टर्नओवर 1 करोड़ है, या वो कोई प्रोफेशनल हैं और उनका सालाना लाभ 50 लाख तक का है तो वो इस सेक्शन के दायरे में नहीं आएंगे। गौरतलब है कि इस सेक्शन को लाने का उल्लेख बजट 2022-23 में किया गया था।
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