अक्टूबर से बदलेंगे सैलरी के नियम
सरकार नए लेबर कोड में नियमों को एक अप्रैल, 2021 से लागू करना चाहती थी। मगर राज्यों की तैयारी न होने के कारण कंपनियों को एचआर पॉलिसी (HR Policy) बदलने में अधिक समय लगा। इस दौरान इस प्रस्ताव को टाला गया। लेबर मिनिस्ट्री (Labour Ministry) के अनुसार सरकार लेबर कोड के नियमों को एक जुलाई से नोटिफाई करना चाहती थी। मगर राज्यों ने इन नियमों को लागू करने के लिए और समय मांगा। इस कारण इन्हें एक अक्टूबर तक के लिए टाला गया।
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अब श्रम मंत्रालय और मोदी सरकार लेबर कोड के नियमों को एक अक्टूबर तक नोटिफाई करना चाहता है। संसद ने अगस्त 2019 को तीन लेबर कोड इंडस्ट्रियल रिलेशन, काम की सुरक्षा, हेल्थ और वर्किंग कंडीशन और सोशल सिक्योरिटी से जुड़े नियमों में बदलाव करा था। ये नियम सितंबर 2020 को पास कर दिए गए थे।
12 घंटे की हो सकती है नौकरी
नए ड्राफ्ट कानून से कामकाज के घंटों में बढ़ोतरी हो सकती है। यह अधिकतम बढ़कर 12 तक करने का प्रस्ताव है। हालांकि, लेबर यूनियन 12 घंटे की नौकरी का विरोध कर रही है। कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट अतिरिक्त कामकाज को ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान होगा। इस समय नियम केे अनुसार 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम के योग्य नहीं समझा जाता है। ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने की मनाही है। कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का आराम देना होगा।
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वेतन घटेगा और PF बढ़ेगा
नए कानून के तहत मूल वेतन कुल वेतन का 50 प्रतिशत या अधिक होना चाहिए। इससे ज्यादातर कर्मचारिया के वेतन के स्ट्रक्चर में बदलाव आएगा। बेसिक सैलरी बढ़ने से PF और ग्रेज्युटी के लिए कटने वाला पैसा बढ़ेगा। क्योंकि इसमें जानें वाला पैसा बेसिक सैलरी के अनुपात में होता है। अगर ऐसा हो जाता है तो आपकी सैलरी घट सकती है। रिटायरमेंट पर मिलने वाला PF और ग्रेज्युटी का पैसा बढ़ जाएगा।