आईआईएफएल समूह के चेयरमैन निर्मल जैन मंगलवार को पत्रिका कीनोट सलोन में सवालों का जवाब दे रहे थे। शो का मॉडरेशन पत्रिका के विशाल सूर्यकांत के साथ जगमोन शर्मा ने किया। निर्मल जैन ने कहा कि केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज से राहत की उम्मीद बंधी है, लेकिन सरकार को इसके लिए कुछ और कदम भी उठाने होंगे। अन्य देशों की तरह छोटे व्यापारियों को तीन से छह महीने के लिए लोन की किस्तें माफ कर सीधे लाभ देना चाहिए, जिससे वे पटरी पर आ सकें। जैन ने बताया कि सरकार के इस मद में ज्यादा से ज्यादा 50 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे, लेकिन इससे लाखों छोटे व्यापारियों को बूस्ट मिलेगा।
सौ फीसदी आत्मनिर्भर नहीं हो सकते
जैन ने बताया कि कोरोना काल देश के लिए आत्मनिर्भर बनने का मौका है, लेकिन 100 फीसदी आत्मनिर्भर होना मुश्किल है, यह विदेश व्यापार नीति के हिसाब से ठीक भी नहीं है। हालांकि अब देसी कंपनियों और विदेशी कंपनियों के बीच सकारात्मक प्रतिस्पर्धा का माहौल बनने की उम्मीद है। सरकार देश में ही मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर तेजी से काम कर रही है, जिसका असर आने वाले सालों में दिखने लगेगा।
जैन ने बताया कि कोरोना काल देश के लिए आत्मनिर्भर बनने का मौका है, लेकिन 100 फीसदी आत्मनिर्भर होना मुश्किल है, यह विदेश व्यापार नीति के हिसाब से ठीक भी नहीं है। हालांकि अब देसी कंपनियों और विदेशी कंपनियों के बीच सकारात्मक प्रतिस्पर्धा का माहौल बनने की उम्मीद है। सरकार देश में ही मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर तेजी से काम कर रही है, जिसका असर आने वाले सालों में दिखने लगेगा।
पैसे की अहमियत समझनी होगी
लॉकडाउन ने आम आदमी को पैसे की अहमियत समझा दी है। इस दौर के बाद निवेशक के निवेश करने के पैटर्न में बदलाव आ सकता है। संकट के इस समय में जैन ने म्युचुअल फंड्स में निवेश की सलाह दी है, उन्होंने कहा कि बाजार का वैल्यूएशन इसके औसत से नीचे चला गया है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह उथल-पुथल लंबी अवधि के निवेशकों के लिए एक मौका भी है। अगर आप 3 से 5 साल के लिए पैसे लगाने वाले लंबी अवधि के निवेशक हैं तो यह निवेश शुरू करने का बहुत अच्छा समय है।
लॉकडाउन ने आम आदमी को पैसे की अहमियत समझा दी है। इस दौर के बाद निवेशक के निवेश करने के पैटर्न में बदलाव आ सकता है। संकट के इस समय में जैन ने म्युचुअल फंड्स में निवेश की सलाह दी है, उन्होंने कहा कि बाजार का वैल्यूएशन इसके औसत से नीचे चला गया है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह उथल-पुथल लंबी अवधि के निवेशकों के लिए एक मौका भी है। अगर आप 3 से 5 साल के लिए पैसे लगाने वाले लंबी अवधि के निवेशक हैं तो यह निवेश शुरू करने का बहुत अच्छा समय है।
नए सेक्टर्स पर देना होगा ध्यान
मार्केट में उतार-चढ़ाव चल रहा है और निवेशकों को इसका फायदा उठाने के लिए विभिन्न सेक्टरों के बीच शिफ्टिंग पर भी विचार करना चाहिए। निवेशकों को ओवरवैल्यूड सेक्टरों से हटकर अंडरवैल्यूड सेक्टरों की ओर जाना चाहिए। जैन ने कहा, हालिया आउटपरफॉर्मेंस के बावजूद फार्मा का वैल्यूशन अब भी सकारात्मक दिख रहा है। आगामी एक-दो वर्षों में डिफेंस सेक्टरों का प्रदर्शन अच्छा रहेगा। कृषि उपज के अलावा कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में भी सुधार देखा जा सकता है, क्योंकि इस सेगमेंट की अभी भी ग्रामीण भारत में कम पैठ है।
मार्केट में उतार-चढ़ाव चल रहा है और निवेशकों को इसका फायदा उठाने के लिए विभिन्न सेक्टरों के बीच शिफ्टिंग पर भी विचार करना चाहिए। निवेशकों को ओवरवैल्यूड सेक्टरों से हटकर अंडरवैल्यूड सेक्टरों की ओर जाना चाहिए। जैन ने कहा, हालिया आउटपरफॉर्मेंस के बावजूद फार्मा का वैल्यूशन अब भी सकारात्मक दिख रहा है। आगामी एक-दो वर्षों में डिफेंस सेक्टरों का प्रदर्शन अच्छा रहेगा। कृषि उपज के अलावा कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में भी सुधार देखा जा सकता है, क्योंकि इस सेगमेंट की अभी भी ग्रामीण भारत में कम पैठ है।
घट रहा है कोविड का भय
जैन ने कहा कि लोगों में अब कोविड-19 का भय घटा है। अब आप आय और खर्च के आंकड़ों में निचले आधार से तेजी देखेंगे। हम आपूर्ति शृंखला को कितनी जल्द पटरी पर ला सकते हैं, इस पर ध्यान दिए जाने की भी जरूरत होगी। जून के आखिर में आने वाले कंपनियों के वित्तीय परिणाम में लॉकडाउन का असर दिख सकता है, लेकिन सितंबर तक इनमें सुधार की उम्मीद है।
जैन ने कहा कि लोगों में अब कोविड-19 का भय घटा है। अब आप आय और खर्च के आंकड़ों में निचले आधार से तेजी देखेंगे। हम आपूर्ति शृंखला को कितनी जल्द पटरी पर ला सकते हैं, इस पर ध्यान दिए जाने की भी जरूरत होगी। जून के आखिर में आने वाले कंपनियों के वित्तीय परिणाम में लॉकडाउन का असर दिख सकता है, लेकिन सितंबर तक इनमें सुधार की उम्मीद है।