1. पीएनबी प्रबंधन ने प्रारंभिक जांच में खुद माना है कि कुछ लोगों की मिलीभगत से कुछ खातेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए इस घोटाले की साजिश रची गई। घोटाले के सभी आरोपी डायमंड्स आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स और स्टेलर डायमंड्स में भागीदार हैं।
2. पांच फरवरी, 2017 को सीबीआई ने अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उनकी मां, भाई और एक कारोबारी साझेदार के खिलाफ पीएनबी के साथ 280.7 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। पीएनबी की शिकायत पर सीबीआई ने मोदी,उनके भाई निशाल, पत्नी एमी ओर मेहुल चिनूभाई चौकसी ने बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर बैंक के साथ धोखाधड़ी ओर नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया था।
3. सीबीआई ने नीरव मोदी, उनकी पत्नी एमी, भाई निशाल, और मेहुल चीनूभाई चौकसी के आवास पर छापेमारी भी की है। साथ ही दो बैंक अधिकारियों के घर भी छापा मारा है।
4. सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने पीएनबी में हुर्ठ 280 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में नीरव मोदी एवं अन्य के खिलाफ मनी लॉंड्रिंग का मामला भी दर्ज किया है।
5. इस घोटाले में चार बड़ी आभूषण कंपनियां गीतांजलि, गिन्नी, नक्षत्र और नीरव मोदी जांच के घेरे में हैं। सीबीआई और ईडी इसकी जांच कर रही है। शुरुआती जांच में इन कपंनियों की संलिप्तता के सुबूत जांच अधिकारियों को मिले हैं।
6. वित्त मंत्रालय ने करीब 11,500 करोड़ रुपए के घोटाले को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को खारिज किया है। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई जारी है और यह सरकार के नियंत्रण से बाहर नहीं है। मंत्रालय ने सभी बैंकों को इस तरह की घटनाओं के बाबत इस सप्ताह के अंत तक जरूरी जानकारी देने को कहा है।
7. आपको बता दूं कि हीरा कारेाबारी नीरव मोदी फोर्ब्स की भारतीय अमीरों की सूची में शामिल रहे हैं। उन्हें देश का तेजी से उभरता कारोबारी घोषित किया गया था।
8. बैंक घोटाले में पीएनबी ही नहीं, बल्कि और बैंकों का नाम भी सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि कई और बैंकों ने भी विदेश में भी इन ग्राहकों को एडवांस दिए हैं।
9. साल 2015 में भी बैंक आफ बड़ौदा में भी दिल्ली के दो कारोबारियों द्वारा 6,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया था।
10. साल 2015 में बैंक ऑफ बड़ौदा में भी दिल्ली के दो कारोबारियों द्वारा 6,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया था।
11. 1992 में इंडियन बैंक से छोटे कॉरपोरेट और एक्सपोटर्स ने बैंक से करीब १३००० करोड़ रुपये उधार लिए। ये धनराशि उन्होंने कभी नहीं लौटाई। उस वक्त बैंक के चेयरमैन एम. गोपालाकृष्णन थे।