नई दिल्ली. दिल्ली की ‘कठपुतली कॉलोनी’ को पीपीपी के तहत झुग्गी मुक्त करने का प्रोजेक्ट टेंडर जारी होने के सात साल भी लंबित है। 2009 में डीडीए ने एक डेवलपर के साथ पार्टनरशिप प्रोग्राम के तहत इलाके की झुग्गियां हटाकर करीब तीन हजार परिवारों के लिए घरों के साथ शॉपिंग मॉल, ऑफिस और अपार्टमेंट्स की योजना शुरु की थी। सरकार द्वारा घर उपलब्ध न कराए जाने से नाराज कठपुतली कॉलोनी के लोगों ने उपराज्यपाल नजीब जंग के सिविल लाइंस स्थित घर के बाहर प्रदर्शन किया। घर की मांग कर रहे इन लोगों ने यहां भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है।
सुस्त रवैया बना मुसीबत
सरकार की इस योजना से जुड़े डेवलपर का कहना है, ‘सात साल पहले परियोजना में 200 करोड़ रुपए निवेश किए जा चुके हैं, लेकिन प्रशासनिक सुस्ती के चलते बात आगे नहीं बढ़ पाई।’ उल्लेखनीय है कि जिस जगह यह प्रोजेक्ट पूरा किया जाना था वह संसद भवन से महज छह किमी की दूरी पर स्थित है। सड़क के दोनों ओर कचरा, खुली नालियां, लगातार आती बदबू के बीच करीब 3000 परिवार यहां रहते हैं। दरअसल, यहां के लोग झुग्गियां छोड़कर घरों में जाने को तैयार नहीं हैं। 500 परिवार जरूर राहत कैंपों में दो साल पहले गए थे, लेकिन 2000 से ज्यादा परिवारों ने जाने से इनकार कर दिया।
Hindi News / Business / प्रोजेक्ट मंजूरी के 7 साल बाद भी खस्ता कठपुतली कॉलोनी का हाल