सर मैं एक विकलांग राज्य कर्मचारी हूं मेरी वार्षिक आय लगभग 14 लाख रुपए हैं मैंने 20 लाख रुपए का होम लोन ले रखा है अब मुझे कौन सी स्लैब से इनकम टैक्स भरना चाहिए सुझाव दें।
आपके सवाल के हिसाब से मेरा सुझाव यह है कि आपको न्यू टैक्स रिजीम के अनुसार अपना टैक्स कैलकुलेट करना चाहिए 14 लाख रुपए के कुल इनकम पर। जिसमें आप पर 1,24800 रुपए की टैक्स की लायबिलिटी आएगी। जबकि पुराने रिजीम से टैक्स कैलकुलेट करते हैं तो आप पर 1,58000 रुपए टैक्स बनकर आएगा। जिसमें नए बाले की तुलना में आप पर 34 हजार रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। वहीं अगर आपका 20 साल के लिए 20 लाख का लोन है तो आप पर सालाना 36 हजार रुपए के आसपास प्रीसिपल कंपोनेंट और 1,80000 रुपए इंटरेस्ट सालाना बनकर आएगा।
सालाना 36 हजार लोन कंपोनेंट
अगर आपका 20 साल के लिए 20 लाख का लोन है तो आप पर सालाना लगभग 36 हजार रुपए के आसपास प्रिंसिपल कंपोनेंट और 1,80000 रुपए इंटरेस्ट सालाना बनकर आएगा।
अगर आपका 20 साल के लिए 20 लाख का लोन है तो आप पर सालाना लगभग 36 हजार रुपए के आसपास प्रिंसिपल कंपोनेंट और 1,80000 रुपए इंटरेस्ट सालाना बनकर आएगा।
इस तरह करें बचत
क्योंकि नए वाले टैक्स रिजीम में किसी भी तरह का अलाउंस जैसे कि प्रींसिपल कंपोनेंट, या हाउसिंग लोन का इंटरेस्ट कंपोनेंट हुआ, या एलआईसी की पेमेंट हुई किसी भी तरह की छूट की अनुमति नहीं होती है। फिर भी टैक्स स्लैब का रेट ऑफ टैक्स कम होने की वजह से आपकी ओवरऑल कुल देय राशि कम हो जाती है। इसलिए पुराने की तुलना में नए वाले टैक्स रिजीम में ज्यादा फायदा होता है। आप जिस इनकम रेंज में हैं उसके हिसाब से ये बेहतर होगा कि आप नए वाले टैक्स रिजीम में जाएं। क्योंकि पुराने वाले में लगभग 34 हजार रुपए का अतिरिक्त टैक्स देय राशि आएगी।
क्योंकि नए वाले टैक्स रिजीम में किसी भी तरह का अलाउंस जैसे कि प्रींसिपल कंपोनेंट, या हाउसिंग लोन का इंटरेस्ट कंपोनेंट हुआ, या एलआईसी की पेमेंट हुई किसी भी तरह की छूट की अनुमति नहीं होती है। फिर भी टैक्स स्लैब का रेट ऑफ टैक्स कम होने की वजह से आपकी ओवरऑल कुल देय राशि कम हो जाती है। इसलिए पुराने की तुलना में नए वाले टैक्स रिजीम में ज्यादा फायदा होता है। आप जिस इनकम रेंज में हैं उसके हिसाब से ये बेहतर होगा कि आप नए वाले टैक्स रिजीम में जाएं। क्योंकि पुराने वाले में लगभग 34 हजार रुपए का अतिरिक्त टैक्स देय राशि आएगी।