बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि शॉर्ट में भले ही स्मॉलकैप शेयरों में उतार-चढ़ाव दिखे, पर मिडियम और लॉन्ग टर्म के लिए स्मॉलकैप अभी बेहद आकर्षक है और इसमें सबसे अधिक रिटर्न मिलने की गुंजाइश है। स्मॉलकैप शेयरों में पिछले 10 साल में सबसे अधिक रिटर्न मिला है, लेकिन निवेशकों के नुकसान भी सबसे अधिक इन्हीं स्टॉक्स और फंड में हुआ है। 10 साल में सेंसेक्स ने न्यूनतम 5.3 प्रतिशत तो बीएसई स्मॉलकैप ने -1.0 प्रतिशत रिटर्न दिया है।
क्या कहते हैं फंड मैनेजर?
रिटर्न को देखकर निवेशक स्मॉलकैप फंड्स में खूब पैसा लगा रहे हैं। लेकिन फंड्स के पास उसे खपाने का इंतजाम नहीं है। यानी ऐसे स्टॉक्स उपलब्ध नहीं हैं जिनमें इतना वॉल्यूम हो। इसलिए निवेशक शॉर्ट टर्म के लिए बैलेस्ड एडवांटेज और मल्टी एसेट्स फंड में पैसा लगाएं।
– विकास खेमानी, कार्लेनियन एसेट एडवाइजर्स
हाई रिस्क, हाई रिटर्न का ट्रेंड अभी चलने की उम्मीद है। ऑटो, डिफेंस, कैपिटल गुड्स, ट्रेवल, हॉस्पिटल, बिल्डिंग मटिरियल में कई अच्छे अवसर वाली स्मॉल कैप कंपनियां हैं। मिड और लॉन्ग टर्म के लिए इनमें निवेश कर सकते हैं।
– सिद्धार्थ खेमका, मोतीलाल ओसवाल
पिछले एक साल में स्मॉलकैप में जबरदस्त तेजी के कारण शॉर्ट टर्म में स्मॉलकैप शेयरों में उठापटक की आशंका है। इसलिए निवेशक अब सोच-समझकर ही स्मॉलकैप में पैसा लगाएं। अपने पोर्टफोलियो का 25 प्रतिशत लॉन्ग टर्म के लिए इनमें निवेश करें।
– श्रीदत्त भंडवालदार, केनरा रेबेको
बाजार में 2023-24 में इतनी तेजी
इंडेक्स | रिटर्न |
सेंसेक्स | 23.4 प्रतिशत |
निफ्टी | 50 27.5 प्रतिशत |
बीएसई मिडकैप | 65.3 प्रतिशत |
बीएसई स्मॉलकैप | 70.7 प्रतिशत |
किस म्यूचुअल फंड ने कितना दिया रिटर्न (औसत सालाना चक्रवृद्धि रिटर्न (सीएजीआर) के आंकड़े फीसदी में)