इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने खुलासा करते हुए बताया कि कैब सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ‘ऊबर’ ने जासूसी तकनीक के जरिए नियमों का उल्लंघन किया। इसके साथ ही उसने पैरवी करने वाले नेटवर्क के जरिए कानून की खामियों का फायदा भी उठाया।
बड़े नेताओं ने की मदद
ICIJ सहित 30 मीडिया संस्थानों के खुलासे में बताया गया है कि ऊबर नियमों का उल्लंघन करते हुए कारोबार को बढ़ाया, जिसके लिए कई बड़े नेताओं ने ऊबर की मदद की। खुलासे में बताया गया है कि एक अमरीकी राजदूत ऊबर को बताया कि अवैध आचरण के संभावित सबूतों को जब्त करने के लिए अगर उसके कार्यालयों में छापेमारी होती है तो उसे क्या करना है।
जासूसी तकनीक के जरिए नियमों का किया उल्लंघन
इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स के द्वारा खुलासा किया गया है कि उबर ने सरकारी जांच को विफल करने के लिए जासूसी तकनीक का यूज किया। लीक हुए दस्तावेजों के अनुसार कंपनी के अधिकारियों ने कंपनी के सर्वर तक पहुंच को विफल किया। इसके साथ ही कम से कम छह देशों में ऊबर कार्यालयों में छापेमारी के दौरान सबूत जब्त करने से रोकने के लिए एक तथाकथित किल स्विच को सक्रिय किया गया।
सरकारी मंजूरी के बिना किया कोराबार
इस खुलासे में बताया गया है कि ऊबर ने सरकार की मंजूरी के बिना कोरोबार किया। इसके साथ ही यूरोप, एशिया और दक्षिण अमरीका में कैब वालों ने प्रर्दशन किया। वहीं ऊबर ने ग्राहकों को परेशान किया, ड्राइवरों को पीटा और उनकी कारों में आग लगा दी। इसके साथ ही कुछ ऊबर अधिकारियों ने अपने लाभ के लिए हिंसा फैलाने की कोशिश भी की।
ऊबर वैश्विक ब्रांडिंग के प्रमुख ने तीन मुख्यमंत्रियों से की मुलाकात
ऊबर ने ओबामा के पूर्व सहयोगी डेविड प्लॉफ को 2014 में कंपनी की वैश्विक ब्रांडिंग के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया, जिन्होंने फरवरी 2016 में भारत का दौरा किया और तीन मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की।