किसानों का अथक प्रयास, कृषि वैज्ञानिकों का योगदान
कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग ने 2020-21 के लिए प्रमुख कृषि फसलों के उत्पादन का तीसरा अग्रिम अनुमान जारी किया है। कुल खाद्यान्न उत्पादन 30.544 करोड़ टन रहने का अनुमान है। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि हमारे किसान भाइयों और बहनों के अथक प्रयासों, कृषि वैज्ञानिकों के योगदान, भारत सरकार की नीतियों और राज्य सरकारों से मिले बेहतर सहयोग और समन्वय के चलते यह सकारात्मक स्थिति बनी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जोर कृषि क्षेत्र के विकास पर है। विभिन्न फसलों के उत्पादन का आकलन राज्यों से मिले आंकड़ों पर आधारित है और अन्य स्रोतों से उपलब्ध जानकारी से इसका सत्यापन किया गया है।
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पिछले साल की तुलना में 79.4 लाख टन ज्यादा
आंकड़ों के अनुसार, कुल खाद्यान्न उत्पादन 30.54 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो 2019-20 की तुलना में 79.4 लाख टन ज्यादा है। 2020-21 के दौरान उत्पादन पिछले पांच वर्षों (2015-16 से 2019-20) के औसत खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 2.666 करोड़ टन ज्यादा है। चावल का उत्पादन रिकॉर्ड 12 करोड़ 14.6 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष यह उत्पादन 11 करोड़ 88.7 लाख टन था। वहीं गेहूं का 10.87 करोड़ टन के रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान है। इसके अलावा मक्का में 3.024 करोड़ टन, चना में 1.26 करोड़ टन, मूंगफली में 1.01 करोड़ टन और सरसों में 0.999 करोड़ टन उत्पादन होने का अनुमान है, ये सभी नये रिकॉर्ड स्तर हैं।
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गन्ना और कपास में नया रिकॉर्ड
इस वर्ष के दौरान देश में गन्ने का उत्पादन 39.280 करोड़ टन अनुमानित है। कपास का उत्पादन 3.649 करोड़ गांठें (प्रति 170 किग्रा की गांठें) अनुमानित हैं, जो औसत कपास उत्पादन की तुलना में 45.9 लाख गांठें अधिक है। जूट एवं मेस्ता का उत्पादन 96.2 लाख गांठें (प्रति 180 किग्रा की गांठें) अनुमानित हैं। मंत्रालय ने कहा कि राज्यों से मिली जानकारियों के आधार पर खाद्यान्न का अनुमान लगाया गया है।