बुलियन क्या है?
उच्च शुद्धता वाले भौतिक सोने-चांदी को बुलियन के रुप में संदर्भित किया जाता है, जिसे अक्सर सोने के बिस्किट, सिक्कों या सिल्लियों के रूप में रखा जाता है। इसे अक्सर केंद्रीय बैंकों के द्वारा स्टोर करके रखा जाता है। सरकार ने अगस्त 2020 में बुलियन स्पॉट डिलीवरी और बुलियन डिपॉजिटरी रसीद (BDR) के बारे में अधिसूचना जारी किया था। इसके बाद 2020-21 के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर अथॉरिटी (IFSCA) में इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) की स्थापना करने की घोषणा की थी। इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज भारत में बुलियन इंपोर्ट करने का गेटवे होगा। इसके बाद अब माना जा रहा है कि देश में जो भी सोना आएगा वो इसी एक्सचेंज के जरिए आयात होगा।
इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) में कौन-कौन ट्रेड कर सकता है?
इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) के जरिए सोना आयात करने की अनुमति क्वालिफाइड ज्वैलर्स को होगी। क्वालिफाइड ज्वैलर्स बनने के लिए मिनिमन नेट वर्थ 25 करोड़ रुपए और 90% एनुअल टर्नओवर लास्ट 3 साल में होना चाहिए। इसके साथ ही इसमें नॉन रेजिडेंट इंडियन और इंडस्ट्रीज भी IFSCA के साथ रजिस्ट्रेशन करा कर इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज में भाग ले सकते हैं। इसके अलावा IIBX में व्यापारिक सदस्य भी क्लाइंट के रूप में लेनदेन कर सकते हैं।
इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) में अब तक कितने ज्वैलर्स ने कराया रजिस्ट्रेशन
प्राप्त जानकारी के अनुसार IIBX में 56 ज्वैलर्सों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसमें मालाबार गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड, टाइटन कंपनी लिमिटेड, बैंगलोर रिफाइनरी प्राइवेट लिमिटेड, आरबीजेड ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड, जावेरी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, संघी ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड सहित अन्य शामिल हैं।