हालांकि सरकार के इस अनुमान के बाद GDP ग्रोथ रेट कम होने की आशंका बढ़ गई है क्योंकि 31 मार्च 2022 में खत्म हुए फाइनेंशियल ईयर में GDP ग्रोथ रेट 8.7% थी। इस लिहाज से पिछले फाइनेंशियल ईयर में GDP ग्रोथ रेट में सुस्ती आने का अनुमान है।
पिछले फाइनेंशियल ईयर की तुलना में नॉमिनल GDP ग्रोथ में भी गिरावट
सांख्यिकी मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि फाइनेंशियल ईयर 22-23 नॉमिनल GDP ग्रोथ 15.4% रहने का अनुमान है, जो पिछले फाइनेंशियल ईयर में 19.5% थी। वहीं ग्रॉस वैल्यू एडेड ग्रोथ का अनुमान 6.7% लगाया गया है, जो पिछले फाइनेंशियल ईयर में 8.1% था।
सांख्यिकी मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि फाइनेंशियल ईयर 22-23 नॉमिनल GDP ग्रोथ 15.4% रहने का अनुमान है, जो पिछले फाइनेंशियल ईयर में 19.5% थी। वहीं ग्रॉस वैल्यू एडेड ग्रोथ का अनुमान 6.7% लगाया गया है, जो पिछले फाइनेंशियल ईयर में 8.1% था।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के डिप्टी मैनेजिंग डॉयरेक्टर एंटोइनेट सायह ने आज कहा कि दुनियाभर में भारत की अर्थव्यवस्था अपेक्षाकृत एक “उज्ज्वल स्थान” पर है, लेकिन सर्विस निर्यात में अपनी मौजूदा ताकत का लाभ उठाने और इसे रोजगार संपन्न और विनिर्माण निर्यात तक विस्तारित करने की जरूरत है। वहीं पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जारी भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक वित्तीय स्थितियों के चलते वर्तमान फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में देश की GDP वृद्धि का अनुमान 7% से घटाकर 6.8% कर दिया था।
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