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India’s 5 Trillion Economy Dream: IMF ने बताया- भारत जब बनेगा $5 ट्रिलियन इकॉनमी तब 94.4 रुपए का होगा 1 डॉलर

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि भारत 2025 तक 5 ट्रिलियन इकॉनमी क्लब में शामिल हो जाए। इस दिशा में भारत को आगे बढ़ाने के लिए काफी आर्थिक सुधार किए जा रहे हैं। कॉरपोरेट टैक्स रेट कम किए गए हैं और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार किया जा रहा है। लेकिन भारत 2025 तक 5 ट्रिलियन इकॉनोमी बन पाएगा, इसमें आईएमएफ को संदेह है। तो क्या है आईएमएफ का अनुमान, भारत कब तक बनेगा, 5 ट्रिलियन इकॉनमी?

May 04, 2022 / 03:38 pm

Swatantra Jain

Indian Economy: आईएमएफ को नहीं उम्मीद, भारत 2025 तक बनेगा 5 trillion dollar economy

जयपुर। भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को हासिल करने में 4 साल की देरी होगी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के डेटा में यह अनुमान जताया गया है। आईएमएफ का कहना है कि भारत को इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में अभी और समय लगेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को वर्ष 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर वाली इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा है। आईएमएफ के अनुमानों में ये सामने आया है, कि भारत ये लक्ष्य वर्ष 2029 तक हासिल कर सकता है।
वर्ष 2029 तक भारत बनेगा 5 ट्रिलियन डॉलर इकनॉमी

आईएमएफ के डेटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2028-29 तक भारत 4.92 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि इस लक्ष्य को हासिल करने में 4 साल की देरी होगी। हालांकि, मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन ने इसी साल फरवरी में यह भरोसा जताया था कि वित्त
वर्ष 2025-26 तक भारत 5 लाख करोड़ डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बना जाएगा। उन्होंने कहा था कि यदि 8-9 फीसदी की टिकाऊ ग्रोथ जारी रहती है तो भारत इस समय तक यह उपलब्धि हासिल कर लेगा।
फिलहाल भारत है 3 ट्रिलियन डॉलर इकनॉमी

फिलहाल भारत डॉलर मूल्य में 3 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी के आंकड़े को पार चुका है। नागेश्वरन ने कहा था कि यदि हम 8-9 फीसदी की वास्तविक जीडीपी को कायम रखने में सफल रहते हैं तो यह डॉलर के हिसाब से 8 फीसदी विकास दर होगी।
वित्त वर्ष 2023 तक 81.5 प्रति डॉलर के स्तर तक गिर सकता है रुपया

आईएमएफ के पूर्वानुमानों के अनुसार, भारत की नॉमिनल जीडीपी वित्त वर्ष 2023 में रुपये के संदर्भ में 13.4 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। अमरीकी डॉलर के संदर्भ में, वित्त वर्ष 2023 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इन दो नोमिनल जीडीपी की वृद्धि दर के बीच का अंतर विनिमय दर में बदलाव के कारण है। आईएमएफ का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023 में रुपया 81.5 प्रति डॉलर के स्तर तक गिर सकता है, जो वित्त वर्ष 2022 में 77.7 प्रति डॉलर रहा है।
वित्त वर्ष 28 में 94.4 प्रति डॉलर हो जाएगी रुपए की विनिमय दर

यही नहीं, डॉलर और रुपए के संदर्भ में भारत के नॉमिनल सकल घरेलू उत्पाद के लिए आईएमएफ का पूर्वानुमान इस पर आधारित है कि वित्त वर्ष 28 में रुपए की विनिमय दर 94.4 प्रति डॉलर हो जाएगी। आईएमएफ का पूर्वानुमान है कि हर साल अमरीकी डॉलर के मुकाबले रुपए के मूल्य में गिरावट होती जाएगी।

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