सरकारी आकड़ो के अनुसार भारत के राजकोषीय घाटे में यह बढ़ोतरी सरकार के उर्वरक, खाद्य, ईधन में दी जानी वाली सब्सिडी सहित अन्य खर्चों में हुई बढ़ोतरी के कारण है। कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस फाइनेंशियल ईयर 2022-23 सरकार के खर्च में लगभग 2 ट्रिलियन रुपयों की बढ़ोतरी होगी, जिससे आने वाले समय में यह घाटा और अधिक बढ़ सकता है।
पिछले साल की तुलना में 33% बढ़ा घाटा
सरकार को पिछले महीने सितंबर में 78,248 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा हुआ है, जो एक साल पहले की तुलना में 33% अधिक है। हालांकि टैक्स कलेक्शन में अच्छी बढ़ोतरी देखी गई है। अप्रैल-सितंबर के दौरान टैक्स कलेक्शन 10.12 ट्रिलियन रुपए रहा, जो एक साल पहले की तुलना में लगभग 10% अधिक है।
सरकार को पिछले महीने सितंबर में 78,248 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा हुआ है, जो एक साल पहले की तुलना में 33% अधिक है। हालांकि टैक्स कलेक्शन में अच्छी बढ़ोतरी देखी गई है। अप्रैल-सितंबर के दौरान टैक्स कलेक्शन 10.12 ट्रिलियन रुपए रहा, जो एक साल पहले की तुलना में लगभग 10% अधिक है।
कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स के आकड़ों के अनुसार वर्तमान फाइनेंशियल ईयर के पहले 6 महीने में (अप्रैल से सितंबर के बीच) सरकार ने 18.24 ट्रिलियन रुपए खर्च किया है, जो एक साल पहले यह 16.26 ट्रिलियन रुपए था। सरकार ने वर्तमान फाइनेंशियल ईयर में लगभग 40 ट्रिलियन रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 4% अधिक है।
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