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जमानत की डाली थी अर्जी
चंदा कोचर के पति दीपक कोचर पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने वीडियोकॉन इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड से खुद की कंपनी के लिए 64 करोड़ रुपए लिए थे। जिसकी जांच ईडी के माध्यम से की जा रही थी। जिसके लिए दीपक की ओर से विशेष अदालत में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि वादी पक्ष मामले में तय समयसीमा में आरोप पत्र दाखिल नहीं कर सका।
सितंबर में किया था गिरफ्तार
आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन केस में ईडी ने दीपक कोचर मुख्य आरोपी बनाया था और पिछले साल सितंबर 2020 में पीएमएलए के मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद वो कोविड 19 पॉजिटिव पाए गए थे। उन्हें ट्रीटमेंट के लिए एम्स में भर्ती करा दिया गया था। वहीं दूसरी ओर मुंबई के विशेष पीएमएलए कोर्ट ने चंदा कोचर को वीडियोकॉन ग्रुप को 1,875 करोड़ का लोन देने के मामले में जमानत दी थी। इस जांच के कारण चंदा कोचर को आईसीआईसीआई के सीईओ पद से इस्तीफा देना पड़ा था। चंदा कोचर ने अपने और अपने पति लगाए गए सभी आरोपों को बेबनुयाद बताया था।
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क्या है पूरा केस
इंफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट की ओर से आरोप लगाया था कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली आईसीआईसीआई बैंक की समिति ने वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 300 करोड़ रुपए के कर्ज के बदले में 64 करोड़ रुपये न्यूपॉवर रिन्यूएबल प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर मिले थे। एनआरपीएल के मालिक चंदा कोचर के पति दीपक कोचर हैं। साथ ही एनआरएल द्वारा इस भ्रष्ट फंड में से 10.65 करोड़ रुपए का नेट रेवेन्यू जमा किया था। इस तरह से 74.65 करोड़ की राशि को एनआरपीएल में ट्रांसफर हुई।