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ऐसे मिलती है पेंशन फैमिली पेंशन का फायदा उठाने के लिए कर्मचारी को 10 साल लगातार एक ही कंपनी में काम करना जरूरी है। इस पेंशन स्कीम में सिर्फ कंपनी का ही योगदान होता है। यह पीएफ में कंपनी द्वारा किए जाने वाले 12 फीसदी योगदान का 8.33 फीसदी होता है। पेंशन में सरकार भी योगदान देती है, जो बेसिक सैलरी के 1.16 फीसदी से ज्याादा नहीं होता। ईपीएफ सदस्य रिटायरमेंट के अलावा पूरी तरह से विकलांग होने पर भी पेंशन का हकदार होता है। इन शर्तों को पूरा करना जरूरी EPS ने फैमिली पेंशन के लिए 10 साल की सर्विस की होना जरूरी है। कर्मचारी तभी पेंशन का हकदार होता है जब वह 10 साल नौकरी कर ले, तो इसे फैमिली पेंशन की तरह माना जाता है।
कौन होता है पेंशन का हकदार ईपीएस स्कीम के सदस्य की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी या पति को पेंशन मिलती है। अगर कर्मचारी के बच्चे हैं तो उसके 2 बच्चों को भी 25 साल की उम्र तक पेंशन मिलती है। अगर कर्मचारी शादीशुदा नहीं है तो उसके नॉमिनी को पेंशन मिलती है। अगर कोई नॉमिनी नहीं है। कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके माता-पिता पेंशन के हकदार होते हैं। बता दें कि कंपनियों और संगठित सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए Labour Ministry के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( EPFO ) पीएफ ( PF ) और पेंशन स्कीम चलाता है।