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हॉलमार्किंग क्या है और क्यों है जरूरी? (Hallmarking of Gold)
हॉलमार्किंग (Hallmarking of Gold) सोने और चांदी के आभूषणों की शुद्धता और गुणवत्ता का प्रमाण है। यह भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा जारी किया जाता है। हॉलमार्किंग से उपभोक्ताओं को यह विश्वास मिलता है कि उनके खरीदे गए आभूषण तय मानकों के अनुसार हैं। सोने के आभूषणों की शुद्धता की गारंटी के लिए यह प्रक्रिया विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।हॉलमार्किंग का चौथा चरण शुरू
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने 5 नवंबर से अनिवार्य हॉलमार्किंग के चौथे चरण की शुरुआत की है। इसके तहत 18 नए जिलों में हॉलमार्किंग केंद्र स्थापित किए गए हैं। अब कुल 361 जिलों में यह सुविधा उपलब्ध है। सरकार के अनुसार, हॉलमार्किंग के तहत आभूषण विक्रेताओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। शुरुआत में जहां 34,647 विक्रेता पंजीकृत थे, वहीं अब यह आंकड़ा बढ़कर 1,94,039 हो गया है।हॉलमार्किंग केंद्रों की संख्या में इजाफा
देशभर में परख और हॉलमार्किंग (Hallmarking of Gold) केंद्रों (एएचसी) की संख्या भी 945 से बढ़कर 1,622 हो गई है। ये केंद्र उपभोक्ताओं को शुद्धता और गुणवत्ता का भरोसा देते हैं।एचयूआईडी से बढ़ा विश्वास
हॉलमार्किंग की प्रक्रिया में एचयूआईडी (हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन) का उपयोग किया जाता है, जो आभूषणों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करता है। उपभोक्ता BIS Care ऐप का उपयोग करके एचयूआईडी वाले आभूषणों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस ऐप के माध्यम से उपभोक्ता जौहरी के पंजीकरण नंबर, परख केंद्र का विवरण, आभूषण की शुद्धता और हॉलमार्किंग (Hallmarking of Gold) की तारीख जैसी जानकारियां भी देख सकते हैं।तीन चरणों की सफलता
अनिवार्य हॉलमार्किंग की शुरुआत 23 जून, 2021 को पहले चरण के साथ हुई थी। इस चरण में 256 जिलों को शामिल किया गया था। इसके बाद, 4 अप्रैल, 2022 को दूसरे चरण में 32 नए जिलों को जोड़ा गया। तीसरे चरण में, 6 सितंबर, 2023 से 55 और जिलों में हॉलमार्किंग अनिवार्य की गई। अब चौथे चरण में यह कवरेज और बढ़ गई है, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक पारदर्शिता और भरोसे का अनुभव हो रहा है। ये भी पढ़े:- Donald Trump की जीत के बाद Crypto में रिकॉर्ड उछाल, Bitcoin 100,000 डॉलर तक पहुंचने की संभावना