GST Council Meeting: जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक जैसलमेर में आज 21 दिसंबर शनिवार के दिन हुई है। बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री और सचिव शामिल हुए। आइए जानते है पूरी खबर।
जैसलमेर•Dec 21, 2024 / 06:12 pm•
Ratan Gaurav
GST Council Meeting Live Updates
जीओएम ने नई परिधान कर दरों का भी प्रस्ताव रखा, जिसमें ₹1,500 तक की कीमत वाले कपड़ों पर 5% जीएसटी लगेगा, जबकि ₹10,000 से अधिक कीमत वाले कपड़ों पर 28% कर लगेगा। इसके अतिरिक्त, पैकेज्ड पेयजल और ₹10,000 से कम कीमत वाली साइकिल पर जीएसटी को घटाकर 5% करने का सुझाव दिया गया है।
जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने अपनी रिपोर्ट पेश करने को स्थगित कर दिया है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि रिपोर्ट में 148 वस्तुओं पर कर दरों में बदलाव की सिफारिश की गई है। इसमें हानिकारक वस्तुओं, जैसे वातित पेय पदार्थों पर कर को 35% तक बढ़ाने का सुझाव शामिल है। यह रिपोर्ट अब आगामी जीएसटी परिषद की बैठक में प्रस्तुत की जाएगी। इस देरी से दरों में बदलाव पर निर्णय फिलहाल टल गया है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने घोषणा की है कि जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने अपनी रिपोर्ट जीएसटी परिषद को प्रस्तुत करना टाल दिया है। रिपोर्ट में 148 वस्तुओं पर दरों में बदलाव की सिफारिश की गई है। इसमें हानिकारक वस्तुओं जैसे वातित पेय पदार्थों पर कर बढ़ाकर 35% करना, ₹1,500 तक के कपड़ों पर 5% और ₹10,000 से अधिक कीमत वाले कपड़ों पर 28% जीएसटी प्रस्तावित है। साथ ही, पैकेज्ड पानी और ₹10,000 से कम की साइकिल पर 5% कर लगाने का सुझाव दिया गया है।
55वीं बैठक में बहुप्रतीक्षित 148 वस्तुओं पर जीएसटी दर संशोधन से संबंधित रिपोर्ट पेश नहीं की गई। यह रिपोर्ट दरों को संशोधित करने के लिए बनाई गई थी, जिससे सरकार को 22,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिलने का अनुमान है।
जैसलमेर में शनिवार को आयोजित 55वीं जीएसटी परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में पुरानी गाड़ियों (पूर्व-स्वामित्व वाले वाहनों) की बिक्री पर कर दर को 12% से बढ़ाकर 18% करने का निर्णय लिया गया।
स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी दर कम करने के प्रस्ताव पर अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया है। बैठक में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के नेतृत्व वाले मंत्रियों के समूह (जीओएम) की सिफारिशों की समीक्षा की गई।
जीएसटी मुआवजा उपकर को लेकर मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 6 महीने का अतिरिक्त समय मांगा है। यह उपकर केंद्र और राज्यों के बीच राजस्व साझेदारी के विवाद को हल करने के लिए बेहद अहम है।
फोर्टिफाइड चावल गिरी पर 5% जीएसटी को अंतिम उपयोग की समाप्ति के बावजूद यथावत रखा गया है। यह कदम सरकारी पोषण योजनाओं और उपभोक्ताओं के लिए राहत सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। सरकार का उद्देश्य है कि पोषण योजनाओं के तहत गरीब और वंचित वर्ग को इस निर्णय से सीधा लाभ पहुंचे।
पॉपकॉर्न को लेकर जीएसटी की नई दरें निर्धारित की गई हैं। अनपैक्ड पॉपकॉर्न पर 5% जीएसटी लगेगा, लेबल वाले और ब्रांडेड पॉपकॉर्न पर 12% टैक्स तय किया गया है, जबकि कारमेलयुक्त पॉपकॉर्न को 18% के टैक्स स्लैब में रखा गया है।
एफएमसीजी वितरकों के संगठन ने शीतल पेय पर कर बढ़ सकती है, यह कदम ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में वितरकों, खुदरा विक्रेताओं और उपभोक्ताओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
जब 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू किया गया था, तब कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) जैसी वस्तुओं को इसके दायरे से बाहर रखा गया था। इन पर अभी भी केंद्र सरकार का उत्पाद शुल्क और राज्य सरकारों का वैट लागू होता है।
जीएसटी परिषद अपनी बैठक में प्रयुक्त इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) और छोटी पेट्रोल-डीजल कारों समेत 148 वस्तुओं की दरों में संशोधन पर चर्चा करेगी। सूत्रों के अनुसार, इन वस्तुओं पर जीएसटी दर 12% से बढ़ाकर 18% की जा सकती है।
परिषद करीब 150 वस्तुओं पर जीएसटी दरों में संशोधन करने पर भी विचार करेगी। इससे केंद्र सरकार को 22,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है।
तंबाकू और सॉफ्ट ड्रिंक जैसी वस्तुओं पर 'सिन टैक्स' लगाने का प्रस्ताव भी परिषद के एजेंडे में है। जीएसटी की उच्चतम श्रेणी में इन वस्तुओं को शामिल कर 35 प्रतिशत का नया स्लैब पेश किए जाने की संभावना है।
विमानन उद्योग के लिए महत्वपूर्ण एटीएफ को जीएसटी के तहत लाने का प्रस्ताव भी बैठक का मुख्य बिंदु होगा। वर्तमान में, एटीएफ पर 11 प्रतिशत केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगाया जाता है, जिसमें क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत 2 प्रतिशत की रियायत है। अगर इसे जीएसटी के तहत लाया जाता है, तो एयरलाइंस को कर लाभ मिल सकता है और उड़ानों के किराए में कमी आ सकती है।
फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म द्वारा ग्राहकों से लिए जाने वाले डिलीवरी शुल्क पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने का मुद्दा भी परिषद के एजेंडे में है। वर्तमान में ये कंपनियां डिलीवरी शुल्क पर जीएसटी नहीं चुकाती हैं। अगर यह प्रस्ताव पास होता है, तो इससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सकता है।
जीएसटी परिषद का प्रमुख एजेंडा स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी दरों में कटौती करना है। उद्योग जगत और उपभोक्ताओं की लंबे समय से मांग रही है कि बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी दरों को घटाया जाए। वर्तमान में बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है, जिससे बीमाकर्ता और पॉलिसीधारक दोनों पर कर का बोझ पड़ता है।
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