सरकार की ओर से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन हर साल की तरह इस साल भी आयरलैंड व जर्मनी के गैर-सरकारी संगठन ‘कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्ट हंगर हिल्फ’ ने गलत रिपोर्ट जारी की है।
केवल 3 हजारों लोगों पर सर्वे करके तैयार की गई रिपोर्ट: भारत सरकार
सरकार की ओर से कहा गया है कि भुखमरी की यह रिपोर्ट गलत मापदंड और गंभीर कार्यप्रणाली मुद्दों से ग्रस्त है। इसके साथ ही इसको केवल 3 हजारों लोगों पर सर्वे करके तैयार किया गया है, जिसका सैंपल साइज बहुत ही छोटा है। इसके अलावा भारत सरकार ने कहा कि इस रिपोर्ट में न केवल जमीनी हकीकत से अलग है, बल्कि कोरोना महामारी के दौरान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार के द्वारा किए गए प्रयाशों को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया है।
सरकार की ओर से कहा गया है कि भुखमरी की यह रिपोर्ट गलत मापदंड और गंभीर कार्यप्रणाली मुद्दों से ग्रस्त है। इसके साथ ही इसको केवल 3 हजारों लोगों पर सर्वे करके तैयार किया गया है, जिसका सैंपल साइज बहुत ही छोटा है। इसके अलावा भारत सरकार ने कहा कि इस रिपोर्ट में न केवल जमीनी हकीकत से अलग है, बल्कि कोरोना महामारी के दौरान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार के द्वारा किए गए प्रयाशों को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया है।
दक्षिण एशिया में अफगानिस्तान को छोड़कर सभी देशों से पीछे भारत: ग्लोबल हंगर इंडेक्स
भुखमरी के मामले में ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट में भारत को सभी पड़ोसी देशों से पीछे बताया गया है। इस रिपोर्ट में पाकिस्तान को 99वीं, श्रीलंका को 64वीं, नेपाल को 81वीं और बांग्लादेश को 84वीं रैंकिंग दी गई है।
भुखमरी के मामले में ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट में भारत को सभी पड़ोसी देशों से पीछे बताया गया है। इस रिपोर्ट में पाकिस्तान को 99वीं, श्रीलंका को 64वीं, नेपाल को 81वीं और बांग्लादेश को 84वीं रैंकिंग दी गई है।
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