1: आयकर रिटर्न आपकी इनकम का प्रूफ होता है। इसे सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थान इनकम प्रूफ के तौर पर स्वीकार करते हैं। अगर आप नियमित तौर पर ITR फाइल करते हैं तो आपको बैंक से आसानी से लोन मिल जाता है।
2: ITR भरने पर एक प्रमाण पत्र मिलता है। जब भी ITR फाइल किया जाता है, तब उसके साथ फॉर्म 16 भरा जाता है, फॉर्म 16 वहां से मिलता है, जहां व्यक्ति जॉब कर रहा है। इस तरह एक सरकारी तौर पर प्रमाणिक कागजात हो जाता है, जिससे यह साबित होता है कि व्यक्ति की इतनी रुपए सालाना नियत आय है। आय का रजिस्टर्ड प्रमाण मिलने से क्रेडिट कार्ड, लोन या खुद की क्रेडिट साबित करने में मदद होती है।
3: कई देशों के वीजा के लिए 3 से 5 साल का इनकम टैक्स रिटर्न मांगे जाते हैं। ITR के जरिए वे चेक करते हैं कि जो आदमी उनके देश में आना चाहता है कि उसका फाइनेंशियल स्टेटस क्या है।
4: आप किसी विभाग के लिए कॉन्ट्रैक्ट हासिल करना चाहते हैं तो आपको ITR दिखाना पड़ेगा। किसी सरकारी विभाग में कॉन्ट्रैक्ट लेने के लिए भी पिछले 5 साल का ITR देना पड़ता है।
5: अगर आप एक करोड़ रुपए का बीमा कवर (टर्म प्लान) लेना चाहते हैं तो बीमा कंपनियां आपसे ITR मांग सकती हैं। वास्तव में वे आपकी आय का स्रोत जानने और उसकी नियमितता परखने के लिए ITR पर ही भरोसा करती हैं।
6: इसके अलावा टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए आपको ITR दाखिल करना जरूरी है। आप जब ITR दाखिल करते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसका एसेसमेंट करता है। अगर रिफंड बनता है तो वह सीधे बैंक अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाता है। वहीं, अगर आप खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो ITR भरना बहुत जरूरी है।
आयकर विभाग ने एक ट्वीट में कहा कि दाखिल किए गए कुल रिटर्न में 2.41 करोड़ से अधिक आईटीआर-1 और लगभग 1.09 करोड़ आईटीआर-4 हैं। ये रिटर्न वित्त वर्ष 2020-21 (आकलन वर्ष 2021-22) के लिए दाखिल किए गए हैं। ट्वीट में कहा गया, ”25 दिसंबर 2021 तक कुल 4,43,17,697 आईटीआर दाखिल किए गए हैं, जिसमें 11,68,027 आईटीआर उसी दिन दाखिल किए गए।” विभाग ने एसएमएस और ईमेल भेजकर करदाताओं को समय से अपना रिटर्न दाखिल करने की याद दिलाई है। व्यक्तिगत आईटीआर दाखिल करने की बढ़ाई गई समयसीमा 31 दिसंबर को खत्म हो रही है।
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