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G20: भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट G20 में सबसे आगे, अमेरिका, रूस और चीन को पछाड़ा

G20: भारत की अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर अपनी मजबूती का प्रमाण दिया है। 2024 में G20 देशों की प्रोजेक्टेड ग्रोथ रेट में जहां भारत 7% के साथ पहले स्थान पर है।

नई दिल्लीNov 19, 2024 / 06:33 pm

Ratan Gaurav

G20

G20: दुनियाभर में आर्थिक सुस्ती के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर अपनी मजबूती का प्रमाण दिया है। 2024 के लिए G20 देशों की अनुमानित जीडीपी ग्रोथ रेट में भारत 7% की दर से शीर्ष स्थान पर है। यह उपलब्धि न केवल भारत की विकासशील अर्थव्यवस्था को दर्शाती है, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर आर्थिक नेतृत्व में एक मजबूत दावेदार के रूप में प्रस्तुत करती है।
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G20 की ग्रोथ रेट में भारत बना नंबर 1 (G20)

2024 में G20 देशों की प्रोजेक्टेड ग्रोथ रेट में जहां भारत 7% के साथ पहले स्थान पर है, वहीं इंडोनेशिया 5% की दर के साथ दूसरे स्थान पर है। चीन 4.8% के साथ तीसरे स्थान पर है। रूस 3.6% की ग्रोथ रेट के साथ चौथे स्थान पर और ब्राजील 3% के साथ पांचवें स्थान पर है।

G20 देशों की अनुमानित ग्रोथ रेट पर एक नजर

साल 2024 के लिए तैयार इस लिस्ट में अफ्रीका और तुर्किये की अनुमानित ग्रोथ रेट 3% है। ये दोनों देश छठे और सातवें स्थान पर हैं। वहीं, अमेरिका 2.8% की ग्रोथ रेट के साथ आठवें स्थान पर है। दक्षिण कोरिया 2.5% की दर से नौवें और मेक्सिको 1.5% के साथ दसवें स्थान पर है। इसके अलावा, सऊदी अरब 1.5% की ग्रोथ रेट के साथ 11वें स्थान पर, कनाडा 1.3% के साथ 12वें और ऑस्ट्रेलिया 1.2% के साथ 13वें स्थान पर है। यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और साउथ अफ्रीका 1.1% की दर से 14वें से 17वें स्थान पर हैं।

कुछ देशों के लिए निराशाजनक स्थिति

इस सूची में कई ऐसे देश भी हैं जिनकी अनुमानित जीडीपी ग्रोथ रेट 1% से कम है। इनमें इटली, जापान और जर्मनी जैसे देश शामिल हैं। लेकिन अर्जेंटीना की स्थिति और भी खराब है। इसकी अनुमानित ग्रोथ रेट -3.5% है, जो दर्शाता है कि इस देश की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है।

भारतीय अर्थव्यवस्था का बढ़ता प्रभुत्व

भारत की यह उपलब्धि वैश्विक अर्थव्यवस्था में उसकी बढ़ती ताकत को दर्शाती है। देश में पिछले कुछ वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटलाइजेशन और औद्योगिकीकरण के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है। इसके अलावा, मजबूत उपभोक्ता मांग, सरकारी नीतियों का सकारात्मक प्रभाव और वैश्विक बाजारों में भारत की उपस्थिति ने इसे अन्य बड़े देशों के मुकाबले ऊंचा स्थान दिलाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की यह तेज़ ग्रोथ रेट देश की युवा आबादी, इनोवेशन और विदेशी निवेश के चलते संभव हुई है। मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों ने देश को वैश्विक निवेश का केंद्र बनाया है।
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19वीं G20 समिट में भारत का प्रदर्शन

ब्राजील में आयोजित 19वीं G20 समिट ने भारत की इस प्रगति को और अधिक उजागर किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समिट में भाग लेते हुए विकासशील देशों की चुनौतियों और उनकी जरूरतों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की सफलता अन्य देशों के लिए एक प्रेरणा बन सकती है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
भारत: 7%
इंडोनेशिया: 5%
चीन: 4.8%
रूस: 3.6%
ब्राजील: 3%
अमेरिका: 2.8%
कोरिया: 2.5%
मेक्सिको और सऊदी अरब: 1.5%
कनाडा: 1.3%
ऑस्ट्रेलिया: 1.2%
यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, यूके और साउथ अफ्रीका: 1.1%
अर्जेंटीना: -3.5%

आर्थिक सुधार की ओर बढ़ता भारत

भारत का यह प्रदर्शन दर्शाता है कि वह न केवल अपने आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त कर रहा है, बल्कि वैश्विक मंच पर एक निर्णायक भूमिका निभाने की क्षमता भी रखता है। हालांकि, इस ग्रोथ रेट को बनाए रखने के लिए भारत को आर्थिक असंतुलन, बेरोजगारी और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का समाधान करना होगा। G20 की समिट का यह मंच भारत के लिए अपनी नीतियों को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने और अन्य देशों से सीखने का अवसर साबित हो रहा है।

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