इसके पीछे का कारण यह है कि लगातार आ रहे बेकार और फ्रॉड एसएमएस से ग्राहकों को इससे राहत दिलाने के लिए कमर्शियल मैसेज पर रोक लगाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी हैं। इसके लिए ट्राई (TRAI) ने कंपनियों को निर्देश दिए है कि वो एक फॉर्मेट में मैसेज को ट्राई के साथ रजिस्टर्ड करें। जिससे ग्राहकों को सही संदेश मिले और वो किसी धोखेबाजी का शिकार ना होने पाए। वहीं ट्राई ने करीब 40 डिफॉल्टर कंपनियों की सूची भी जारी की हैं। जिसमें भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक शामिल हैं। लेकिन इन सभी बैंक को कई बार चेतावनी देने के बाद भी .यो लोग रेगुलेटरी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।
TRAI के द्वारा जारी किए गए नियमों का पालन ना होता देख अब कड़ाई बरतना शुरू कर दी है। और सभी डिफॉल्टर कंपनियों को चेतावनी दी है कि अगर वो चाहते हैं कि उनके ग्राहकों को मैसेज मिलने में कोई परेशान नहीं हो तो 1 अप्रैल, 2021 तक आदेश का पालन करना होगा।
क्या है SMS scrubbing प्रक्रिया
कमर्शियल मैसेज का TRAI का ये नियम ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जिससे आने वाले फ्रॉड मैसेजों पर रोक लगेगी। दरअसल, कमर्शियल टेक्स्ट मैसेज भेजने वाली इन कंपनियों को टेलीकॉम ऑपरेटर के साथ मैसेज हेडर और टेम्पलेट को रजिस्टर करना होगा। कंपनियों जैसे बैंक, पेमेंट कंपनियां, बीमा कंपनियां और दूसरी कंपनियां जब SMS और OTP भेजेंगी, तो इन सभी को ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म पर उनके रजिस्टर्ड टेम्पलेट से चेक किया जाएगा। इसे ही SMS scrubbing प्रक्रिया कहते हैं। ऐसे में यदि ये लोग इन नियमों का पालन नही करते है तो 1 अप्रैल से इन बैंकों के ग्राहकों ऑनलाइन लेन-देन के दौरान OTP नहीं आएगा, क्योंकि SMS scrubbing प्रक्रिया में इन बैंकों के OTP मैसेज या कोई दूसरे जरूरी मैसेज सिस्टम से ही फेल हो जाएंगे।