इन स्कीमों के जरिए बचा सकते हैं टैक्स 1. टैक्स सेविंग एफडी टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट ( Tax Saving FD ) वेतनभोगियों के लिए टैक्स बचाने का अच्छा विकल्प है। यह ऐसी एफडी है जिसमें आप 1.5 लाख रु तक पर टैक्स बचा सकते हैं। हालांकि, टैक्स सेविंग एफडी में 5 साल की लॉक-इन अवधि की होती है। मगर ये वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए टैक्स बचाने के लिए सबसे सुरक्षित विकल्पों में से एक है। एक और बात कि टैक्स सेविंग एफडी का रिटर्न टैक्सेबल होता है।
2. कर्मचारी भविष्य निधि कर्मचारी भविष्य निधि ( EPF ) भी वेतनभोगी लोगों के लिए सबसे आसान टैक्स बचत विकल्पों में से एक है। इसे कर्मचारी भविष्य निधि और विविध अधिनियम 1952 के अन्तर्गत पेश किया गया था। इसका प्रबंधन केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा किया जाता है। ईपीएफ के तहत वेतनभोगी कर्मचारियों की टैक्स सेविंग टैक्स छूट के रूप में होती है। कर्मचारी के पीएफ खाते में मिलने वाला ब्याज ( 2.5 लाख रुपए तक ) टैक्स फ्री रहता है।
3. पब्लिक प्रोविडेंट फंड पब्लिक प्रोविडेंट फंड ( PPF ) भी एक टैक्स सेविंग विकल्प है। पीपीएफ में निवेश ईईई या छूट-कैटेगरी में आता है। पीपीएफ खाते में निवेश की गई राशि धारा 80सी के तहत टैक्स-कटौती योग्य होती है। वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए ये इनकम टैक्स प्लानिंग में मदद करता है। पीपीएफ में जमा राशि, ब्याज और मैच्योरिटी राशि सबस टैक्स फ्री होती है।
4. नेशनल पेंशन स्कीम नेशनल पेंशन स्कीम ( NPS ) में निवेश ज्यादा रिटर्न दिला सकता है। इस पर धारा 80सीसीई के तहत 1.5 लाख की सीमा तक टैक्स छूट मिल सकती है। यह ऑप्शन भी वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए आयकर योजना बनाने में मदद करता है। एनपीएस भारत में वेतनभोगी लोगों के लिए लंबी अवधि के लिए टैक्स सेविंग विकल्पों में से एक है। यह एक बढ़िया निवेश योजना भी है। पीएफआरडीए और केंद्र सरकार के दायरे में आती है। नौकरी से जल्द रिटायर होने वाले लोगों के लिए सबसे बेहतर टैक्स सेविंग प्लान है।
5. इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम ( Equity Linked Savings Scheme ) में निवेश पर धारा 80सी के तहत टैक्स कटौती का फायदा मिलता है। टैक्स कटौती के चलते ये स्कीम इसे अन्य सभी म्यूचुअल फंड योजनाओं से अलग बनाती है। ईएलएसएस अपने दोहरे लाभ के कारण वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए अन्य कर बचत विकल्पों से बेहतर है।