इससे पहले बुधवार यानी कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार मुद्रास्फीति के “लाल अक्षर” पर नहीं बल्कि रोजगार सृजन और विकास को बढ़ावा देने पर प्राथमिकता से ध्यान देगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत चुनौतीपूर्ण समय में G-20 की अध्यक्षता कर रहा है। इस समय दुनिया की आपूर्ति श्रृंखला क्षतिग्रस्त हो गई है और राजनीतिक समीकरण अस्थिर हैं।
वार्षिक बजट 2023-24 का यह बजट मोदी सरकार 2.0 और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पांचवां बजट होगा। इसके साथ ही यह बजट 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का आखिरी पूर्णकालिक बजट भी होगा। चुनावी साल वाला बजट होने के कारण सरकार इसमें आम लोगों को राहत व फायदा देने वाली कई घोषणाएं कर सकती है।
6 सितंबर 2022 को आर्थिक मामलों के बजट इकाई के बजट परिपत्र (2023-24) में बताया गया है कि 10 अक्टूबर 2022 से सचिव की अध्यक्षता में बजट को लेकर बैठकें शुरू होंगी, जिसमें फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के बजट को अस्थायी तौर पर अंतिम रूप दिया जाएगा, जो संसद के बजट सत्र की पहली छमाही के दौरान 1 फरवरी को पेश किया जा सकता है। यह आमतौर पर हर साल जनवरी के अंतिम सप्ताह में शुरू होता है।