इसके दायरे में 10 या 10 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनी, जबकि महाराष्ट्र और चंडीगढ़ में 20 या इससे ज्यादा कर्मचारी वाली कंपनी इसके दायरे में आती हैं। इसमें कर्मचारी का रजिस्ट्रेशन नियोक्ता की ओर से किया जाता है।
मातृत्व लाभ: प्रेग्नेंसी के 12 सप्ताह तक, गर्भपात के मामले में 26 सप्ताह तक दैनिक वेतन का 100 फीसदी नकद, गर्भधारण, प्रसूति, समय पूर्व जन्म के कारण होने वाली बीमारी में 30 दिन से ज्यादा का भुगतान किया जाता है।
जाता है। अपंगता हितलाभ: अस्थायी अपंगता हितलाभ तब मिलता है, जब कर्मचारी रोजगार के दौरान घायल हो जाता है और काम करने में असमर्थ होता है। इसमें 90त्न की दर से तब तक अदा किया जाता है जब तक अपंगता रहती है।
रिटायरमेंट या स्थायी अपंगता के कारण नौकरी छोडऩे वालों को या पत्नी को 120 रुपए सालाना का चिकित्सा लाभ मिलता है।
गर्भवती बीमित महिला या बीमित व्यक्ति की पत्नी को जरूरी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने पर दूसरे अस्पतालों में उपचार के लिए नकद राशि दी जाती है।
मृत्यु होने की स्थिति में उसकी अंत्येष्टि के लिए मूल व्यय या अधिकतम 10 हजार रुपए का भुगतान होता है।