ईपीएफओ की इस नई सुविधा के जारी होने से पहले तक खाता धारक नियोक्ता के पास जाकर नामिनी का ब्योरा दर्ज कराते थे। इस वजह से पूरी प्रक्रिया में काफी समय लगता था। वहीं, अब ईपीएफओ ने सभी क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालयों को ऑनलाइन व्यवस्था अपनाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके लिए बाकायदा पीएफ सदस्यों को जागरूक करने के लिए क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय अभियान भी चालया जा रहा है।
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ईपीएफओ के इस ऑनलाइन अभियान के क्रम में अब पीएफ अंशधारकों को नामिनी बदलने का पूरा अधिकार दे दिया गया है। इसके लिए अब सदस्यों को नियोक्ता की ओर से एनओसी लेने की जरूरत नहीं होगी। सदस्य खुद ही अपने परिजनों का ब्योरा पीएफ खाते में अपलोड कर सकेंगे। हालांकि, यह सुविधा उन्हीं खाता धारकों को मिलेगी, जिनके यूनिवर्सल अकांउट नंबर यानी यूएएन के साथ आधार कार्ड अपलोड हो चुका है।
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ईपीएफओ की ओर से इस अधिकार के मिल जाने के बाद किसी पीएफ सदस्य की असामयिक मौत पर नॉमिनी को भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। पीएफ सदस्य का डेथ सर्टिफिकेट लगाते ही उसके अंतिम देय की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह सुविधा ईपीएफओ की वेबसाइट पर पूरी की जा सकती है। इसमें सदस्य अपने लॉगिन में जाकर इस प्रक्रिया को पूरा सकते हैं। इसके लिए सदस्य को नामिनी की फोटो, अधार कार्ड, बैंक खाता नंबर, पता और आईएफएससी कोड देना होगा।