घटाए गए इस ब्याज दर का असर 6 करोड़ से अधिक लोगों पर पड़ेगा। इसका निर्णय श्रम मंत्री की भूपेंदर यादव की अध्यक्षता में गुवाहाटी में हुई EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक में यह निर्णय लिया गया था। EPFO ऑफिस द्वारा जारी आदेश में शुक्रवार को कहा गया है कि श्रम और रोजगार मंत्रालय ने EPF योजना के हर सदस्य को 2021-22 के लिए 8.1 प्रतिशत ब्याज दर क्रेडिट करने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी की जानकारी दी है। श्रम मंत्रालय ने सहमति के लिए वित्त मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था। सरकार की मंजूरी के बाद EPFO कर्मचारियों के अकाउंट में वित्तीय वर्ष के लिए तय ब्याज दर जमा करना शुरू कर देगा।
केंद्रिय वित्त मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 के लिए कर्मचारी सार्वजनिक भविष्य निधि जमा पर 8.1% की कम ब्याज दर को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद ब्याज दर नोटिफाई की जाती है। पिछले चार सालों में कई बार EPFO की ब्याज दरों में कटौती की गई। रिटायरमेंट फंड बॉडी ने 2015-16 में ब्याज दर 8.8 प्रतिशत से थोड़ी अधिक थी। 2016-17 में अपने 5 करोड़ ग्राहकों को 8.65% और 2017-18 में 8.55% ब्याज दिया।
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तो वहीं मार्च 2020 में, EPFO ने भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को 2018-19 के लिए प्रदान किए गए 8.65 प्रतिशत से 2019-20 के लिए सात साल के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत तक कम कर दिया था। बता दें,पहले वर्ष 2011-12 में EPF की ब्याज दर 8.1 फीसदी तय की गयई थी। अब फिर से कर्मचारी सार्वजनिक भविष्य निधि जमा पर 8.1% की ब्याज दर कर दी गई है। यह भी पढ़ें