कोविड के दौरान कुछ इंडस्ट्री ऐसी रही जिसे जरुरी सेवाओं में रखा गया उनमें बैंकिंग भी एक था। एक जमाना था जब बैंकिंग से जुड़े कार्य करने के लिए लोगों को अलग से समय निकालना पड़ता था। लेकिन अब बड़े शहरों में ही नहीं बल्कि छोटे शहरों और गांवों तक में हालात बदल चुकी है। आगे इसमें और भी बदलाव देखने को मिलेगा। अब हम फेसलेश बैंकिंग की तरफ जा रहे हैं।
कोरोना महामारी के चलते देश की इकोनॉमी काफी धीमी हो गयी है। लेकिन हमें इससे डरकर नहीं बल्कि लड़कर मुकाबला करना होगा। क्योंकि ये एक ऐसा वायरस है जिसे न तो हम देख सकते है न ही अभी फिलहाल इसका कोई ईलाज है। वहीं बैंकिंग सेक्टर एक ऐसा सेक्टर है जिसने कभी फ्रॉड के रुप में या कभी किसी और रुप में मुसीबतों झेला है और उससे बाहर आया है। इसलिए हमें उम्मीद है कि आने वाला समय भारत का ही होगा। बस हमें इसे धैर्य से और पूरी ताकत से लड़ना होगा। अब हमें यहां से आगे सोचने की जरुरत है।