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इस दिवाली चीन को भारत ने दिया तगड़ा झटका, 1.25 लाख करोड़ हुआ नुकसान, Vocal For Local ने दिखाया कमाल

Diwali China Loss 2024: दिवाली के मौके पर चीनी उत्पादों का बहिष्कार किया जा रहा है। लोग वोकल फॉर लोकल अभियान को बढ़ावा दे रहे हैं।

जयपुरOct 30, 2024 / 06:49 pm

Ratan Gaurav

Diwali China Loss 2024: भारत में पिछले कुछ वर्षों से दिवाली और धनतेरस पर चीनी उत्पादों की मांग में लगातार गिरावट देखी जा रही है। खासतौर पर सजावटी सामानों की बिक्री पहले की तुलना में काफी कम हो गई है। इसके परिणाम स्वरूप आयात में भी कमी आई है, जिससे भारतीय बाजार में घरेलू उत्पादों की बिक्री बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल अभियान का असर अब साफ दिखाई दे रहा है। इस साल अधिकतर लोग दिवाली (Diwali China Loss 2024) पर स्वदेशी उत्पादों को तरजीह दे रहे हैं। खासकर इलेक्ट्रॉनिक सजावटी सामानों की खरीद में लोग ‘मेड इन इंडिया’ लेबल देखकर ही खरीदारी कर रहे हैं।

वोकल फॉर लोकल पहल का असर दिखा (Diwali China Loss 2024)

सरकार की वोकल फॉर लोकल पहल का असर इस दिवाली पर चीनी (Diwali China Loss 2024)व्यापार पर भारी पड़ रहा है, जिससे चीन (Diwali China Loss 2024) को करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना है। दिवाली से जुड़े चीनी सामानों की बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह जानकारी अखिल भारतीय व्यापारियों के परिसंघ (CAIT) ने दी है। CAIT के महासचिव और चांदनी चौक के सांसद प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार, इस साल दिवाली का उत्सव सकारात्मक रूप से शुरू हुआ है, और धनतेरस के दिन खुदरा व्यापार का आंकड़ा लगभग 60,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने कहा, इस दिवाली वोकल फॉर लोकल पहल बाजारों में स्पष्ट रूप से नजर आ रही है, क्योंकि लगभग सभी खरीदारी भारतीय सामान की जा रही है। चीनी वस्तुओं की बिक्री न होने के कारण चीन को करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
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सोने चांदी की खूब खरीदारी

भारतीय परंपरा में दिवाली और धनतेरस पर बड़े पैमाने पर खरीदारी की जाती है। इस अवसर पर लोग विशेष रूप से सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, रसोई के सामान, वाहन, कपड़े, रेडीमेड गारमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली का सामान, व्यापारिक उपकरण जैसे कंप्यूटर और उससे जुड़े अन्य उपकरण, बही खाते और फर्नीचर की खरीदारी करते हैं। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के अनुसार, इस साल धनतेरस पर करीब 60 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान लगाया गया है, जबकि दिवाली तक यह आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है। इस दौरान सोने-चांदी के अलावा पीतल के बर्तनों की भी जोरदार बिक्री हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार करीब 2500 करोड़ रुपये की चांदी और एक ही दिन में 20 हजार करोड़ रुपये का सोना बिक गया है।

बर्तन और पीतल की वस्तुओं की भी भारी मांग

धनतेरस पर केवल सोना-चांदी ही नहीं बल्कि पीतल और अन्य धातु के बर्तनों की भी जमकर खरीदारी हुई। भारतीय घरों में पीतल के बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है और इस दिन लोग पीतल के बर्तन, खासतौर पर थाली, लोटा, कलश आदि की खरीदारी करते हैं। इस साल धनतेरस के मौके पर पीतल के बर्तनों की मांग में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे छोटे व्यापारियों को भी लाभ मिला।
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इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन और घरेलू उपकरणों की बिक्री में भी उछाल

Diwali 2024: धनतेरस के मौके पर लोगों ने न सिर्फ आभूषण बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स, रसोई के सामान, वाहन, रेडीमेड कपड़े और फर्नीचर की भी खूब खरीदारी की। इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों में स्मार्टफोन, लैपटॉप, टीवी, वॉशिंग मशीन, और अन्य घरेलू उपकरणों की बिक्री में काफी इजाफा हुआ। इसके साथ ही वाहन उद्योग में भी धनतेरस के दौरान विशेष उछाल देखने को मिला। इस दिन लाखों की संख्या में दोपहिया और चारपहिया वाहनों की बुकिंग की गई, जो भारतीय बाजार की क्षमता को दर्शाता है।

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