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Diwali 2024: भारतीयों की शाहखर्ची तो देखिए, पाकिस्तान जितने रुपये के लिए IMF के आगे नाक रगड़ रहा, उतने से अधिक दिवाली पर खर्च करने को तैयार

Diwali 2024: दिवाली का पर्व भारतीयों के लिए सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि बहुत सारी खुशियों और समृद्धि का प्रतीक है। जहा पाकिस्तान रुपये के लिए IMF के आगे नाक रगड़ रहा, भारतीय उतने से अधिक रुपए दिवाली पर खर्च करने को तैयार हैं

जयपुरOct 24, 2024 / 06:24 pm

Ratan Gaurav

Diwali 2024: दिवाली का पर्व भारतीयों के लिए सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि बहुत सारी खुशियों और समृद्धि का प्रतीक है। इस वर्ष 2024 में, भारतीयों की खरीदारी की क्षमता और शाहखर्ची एक बार फिर से सुर्खियों में है। एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय परिवार इस दिवाली पर लगभग 1.85 लाख करोड़ रुपये खर्च करने के लिए तैयार हैं, जो पाकिस्तान की IMF के सामने उठाए जाने वाले वित्तीय मुद्दों से कहीं अधिक है।

दिवाली पर खर्च का अनुमान (Diwali 2024)

लोकल सर्किल्स द्वारा किए गए इस सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि दिवाली के इस त्योहारी सीजन में भारतीयों की खरीदारी पिछले वर्षों की तुलना में बढ़ने की उम्मीद है। इस दौरान भारतीय लोग न केवल पारंपरिक मिठाइयों, बल्कि कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, गहने, और अन्य उपहारों पर भी बड़ी राशि खर्च करने की योजना बना रहे हैं। यह राशि पाकिस्तान की उस धनराशि से कहीं अधिक है, जिसके लिए वह IMF के आगे नाक रगड़ रहा है।
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उपहार खरीदने में भारतीयों की दिलचस्पी (Diwali 2024)

जब उपहार खरीदने की बात आती है, तो अधिकांश लोग स्थानीय स्तर पर खरीदारी करना पसंद करते हैं। 15,801 प्रतिक्रियाओं में से, 53% लोगों ने बताया कि वे व्यक्तिगत रूप से उपहार खरीदना और उन्हें खुद अपने सम्बन्धियों को देना पसंद करते हैं, जबकि 21% ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं लेकिन फिर भी हाथ से डिलीवरी का विकल्प चुनते हैं। केवल 15% ऐसे लोग है जो अपनी ऑनलाइन खरीदारी सीधे प्राप्तकर्ता को भेजने का विकल्प चुनते हैं। इस तथ्य से यह स्पष्ट है कि पारंपरिक खरीदारी अभी भी लोकप्रिय है, लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग भी तेजी से बढ़ रही है।

त्योहार में खर्चो का आंकड़ा (Diwali 2024)

सर्वेक्षण से पता चला है कि सितंबर और अक्टूबर के बीच पहले ही 1.2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, और दिवाली से पहले के अंतिम दस दिनों में खर्च में अंतिम उछाल आने की उम्मीद है। आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी के साथ-साथ उपहार देना त्योहारी खर्च का एक महत्वपूर्ण पहलू बना हुआ है। लोकल सर्कल्स ने भारत के 314 जिलों के 31,000 से अधिक शहरी परिवारों से जानकारी प्राप्त की है, जिसमें 46% टियर 1 शहरों, 30% टियर 2 शहरों, और 24% छोटे शहरों के लोग शामिल हैं।
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पारंपरिक उपहारों की लोकप्रियता (Diwali 2024)

सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि अधिकांश उत्तरदाता पारंपरिक उपहारों को पसंद करते हैं। 53% ने मिठाई, बेकरी उत्पाद या चॉकलेट को चुना। इसके अतिरिक्त, 48% ने सूखे मेवे, और 27% ने मोमबत्तियाँ, सुगंध और लैंप को प्राथमिकता दी। जब उपहार खरीदने की बात की गई, तो खाद्य और व्यावहारिक वस्तुओं के लिए एक मजबूत प्राथमिकता देखने को मिली।

घरेलू वस्तुओं की बढ़ती लोकप्रियता (Diwali 2024)

दिलचस्प की बात तो यह है कि क्रॉकरी और बरतन जैसी घरेलू वस्तुएं भी उपहार देने के विकल्प के रूप में लोकप्रियता हासिल कर रही हैं। लगभग 6 में से 1 उत्तरदाता ने कहा कि उन्हें इन व्यावहारिक वस्तुओं को उपहार में देना पसंद हैं।

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