डायरेक्ट सेलिंग का ‘मेक इन इंडिया’ में अहम योगदान
प्रमुख डायरेक्ट सेलिंग उद्योग संघ ने सोमवार को कहा कि विनिर्माण क्षेत्र
में तेजी लाने में मदद कर यह उद्योग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन
इंडियाÓ अभियान में अहम योगदान कर रहा है।
•Jul 07, 2015 / 12:22 am•
प्रमुख डायरेक्ट सेलिंग उद्योग संघ ने सोमवार को कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में तेजी लाने में मदद कर यह उद्योग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडियाÓ अभियान में अहम योगदान कर रहा है।
भारतीय डायरेक्ट सेलिंग संघ की महासचिव छवि हेमंत ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा गत वर्ष शुरू किए गए अभियान के संदर्भ में हम देश के विनिर्माण क्षेत्र की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं, ताकि सकल घरेलू उत्पादन में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान वर्तमान 16 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी किया जा सके।
डायरेक्ट सेलिंग एक व्यक्ति केंद्रित उद्योग है। यह रोजगार और कौशल विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
बयान के मुताबिक, इस उद्योग का सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान है, क्योंकि यह उद्योग अपने विनिर्माण की आउटसोर्सिंग इन्हीं उद्योगों से कराता है।
यह उद्योग सिर्फ 30 फीसदी वस्तुओं का आयात करता है। शेष 70 फीसदी वस्तुओं का विनिर्माण एसएमई सेक्टर से ठेके के आधार पर कराया जाता है।
संघ के अध्यक्ष रजत बनर्जी ने कहा कि उद्योग के सभी हितधारक घरेलू उतपादन पर जोर देते हैं।
बयान के मुताबिक, उद्योग ने 2013-14 में कुल 1.2 अरब डॉलर की बिक्री की। इसमें से 30 फीसदी का आयात किया गया था। इस उद्योग की बिक्री 2019-20 बढ़कर 3.9 अरब डॉलर की हो जाएगी।
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