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पुराने मकान के बेचान पर जानिए कैपिटल गेन टैक्स छूट के बारे में

किसी भी संपत्ति की बिक्री से होने वाले मुनाफे पर कैपिटल गेन के तौर पर टैक्स लगाया जाता है। मकान सहित सभी अचल संपत्तियां, जिनका उपयोग अपने व्यवसाय में नहीं किया जाता है, उन्हें कैपिटल एसेट माना जाता है। कैपिटल गेन पर टैक्स की दर संपत्ति के प्रकार और करदाता द्वारा संपत्ति को कितने समय तक रखा गया है, इस पर निर्भर करती है।

जयपुरOct 03, 2024 / 06:26 pm

Jyoti Kumar

Capital gains tax exemption

अगर मैं अपना 18 साल पुराना मकान एक करोड़ रुपए में बेचता हूं और दूसरा मकान एक करोड़ रुपए में खरीदता हूं तो क्या फिर भी मुझे कैपिटल गेन टैक्स भरना पड़ेगा?- विनोद शर्मा
किसी भी संपत्ति की बिक्री से होने वाले मुनाफे पर कैपिटल गेन के तौर पर टैक्स लगाया जाता है। मकान सहित सभी अचल संपत्तियां, जिनका उपयोग अपने व्यवसाय में नहीं किया जाता है, उन्हें कैपिटल एसेट माना जाता है। कैपिटल गेन पर टैक्स की दर संपत्ति के प्रकार और करदाता द्वारा संपत्ति को कितने समय तक रखा गया है, इस पर निर्भर करती है।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन
यदि मकान दो साल बाद बेचा जाता है तो मकान की बिक्री पर हुए मुनाफे को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन, दो साल के भीतर बेचा जाता है तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाता है। मुनाफे को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाता है तो उसे अन्य आय में शामिल किया जाता है और लागू स्लैब दर पर टैक्स लगता है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 12.50 त्न टैक्स लगता है।
धारा 54 के तहत
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 54 के मुताबिक, यदि करदाता दो साल के भीतर एक और मकान खरीदता है या मूल मकान की बिक्री की तारीख से तीन साल के भीतर एक नया मकान बनाता है तो कैपिटल गेन छूट का दावा उस समय किया जा सकता है जब मूल मकान की बिक्री की तारीख से एक साल पहले मकान को खरीदा या बनाया गया हो।
-बलवंत जैन, टैक्स एक्सपर्ट

(ये विशेषज्ञों के विचार हैं। निवेश व वित्त से जुड़े मामलों के बारे में अधिक जानकारी के लिए विषय विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।)

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