एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ने कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार भी पेपरलेस बजट पेश करने का निर्णय लिया है। वित्त मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि ‘बजट दस्तावेज अधिकतर डिजिटल रूप से ही उपलब्ध होंगे।’
भौतिक रूप से इसकी कुछ ही प्रतियां उपलब्ध होंगी। बजट दस्तावेजों की छपाई कई सौ प्रतियों में होती रही है। इसी कारण छपाई से जुड़े कर्मचारियों को नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में प्रिंटिंग प्रेस के अंदर कुछ सप्ताह के लिए रहना पड़ता था। बता दें कि वित्त मंत्रालय का कार्यालय भी नॉर्थ ब्लॉक में ही है।
बजट के लिए कर्मचारियों को अपने घर परिवार से अलग रहना पड़ता इसीलिए बजट दस्तावेज की छपाई का काम परंपरागत ‘हलवा समारोह’ से शुरू होता रहा है। इस बार कोरोना के कारण हलवा सेरेमनी नहीं हुई। हर साल बजट से पहले secratariate के नार्थ ब्लॉक में बड़ी सी कढ़ाई में हलवा बनाया जाता है जिसे बाद में वित्त मंत्री और राज्य वित्त मंत्री सभी को बांटते हैं।
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सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार ने घटाई बजट प्रतियां
बता दें कि मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से ही बजट प्रतियों की छपाई का काम कर दिया है शुरुआत में पहले पत्रकारों और बाहरी विश्लेषकों को दी जाने वाली प्रतियों को कम किया। इसके बाद कोरोना महामारीफिर के प्रकोप का हवाला देते हुए लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को प्रदान की गई प्रतियों को कम कर दिया गया।
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