वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 44605 करोड़ रुपये की लागत से केन-बेतवा लिंक परियोजना को शुरू करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने किसानों को डिजिटल और हाईटेक सेवाएं देने के लिए PPP मॉडल की शुरुआत करने की घोषणा की।
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वित्त मंत्री ने कहा कि समावेशी विकास सरकार की प्राथमिकता है। इसमें धान, खरीफ और रबी फसलों के लिए किसान शामिल हैं। इसके तहत 1,000 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की उम्मीद है। इससे 1 करोड़ से ज्यादा किसान लाभान्वित होंगे।
किसानों के लिए प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए, राज्य सरकारों और एमएसएमई की भागीदारी के लिए व्यापक पैकेज पेश किया जाएगा।
किसानों को 2.37 लाख करोड़ रुपये डीबीटी के जरिए दिए जाएंगे। रेलवे छोटे किसानों और छोटे व मध्यम उद्यमों के लिए नए प्रोडक्ट और कुशल लॉजिस्टिक सर्विस तैयार करेगा।
इसके साथ ही Udyam, e-shram, NCS और Aseem के पोर्टल्स को इंटर लिंक किया जाएगा, जिससे इनकी पहुंच व्यापक हो जाएगी। ये पोर्टल G-C, B-C & B-B सर्विस देंगी। इसमें ऋण सुविधा, उद्यमशीलता के अवसरों को बढ़ाना शामिल होगा।
– किसानों और स्थानीय आबादी को सिंचाई, खेती और आजीविका की सुविधा प्रदान करने वाली 9 लाख हेक्टेयर से अधिक किसानों की भूमि की सिंचाई प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
– फसल मूल्यांकन, भूमि रिकॉर्ड, कीटनाशकों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन के उपयोग से कृषि और कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की लहर चलने की उम्मीद है।
– गंगा कॉरीडार के आसपास के क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का फैसला किया गया है।
योजना के तहत बजट में इसकी राशि पिछले बजट की तुलाना में 3000 करोड़ बढ़ा दी है। बजट 2021-22 में सरकार ने 65000 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव रखा था। इस बार यह केवल 68000 करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि बजट में 12 करोड़ से अधिक किसानों की उम्मीदों को झटका लगा है। किसानों को उम्मीद थी कि इस बार बजट में पीएम किसान की राशि कम से कम डेढ़ गुनी हो जाएगी, पर ऐसा नहीं हो सका। बता दें कि इस योजना के तहत किसानों को सालाना 6000 रुपये 2000-2000 की तीन किस्तों में दिए जाते हैं।
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