सैटेलाइट नेटवर्क से बिना सिम की कॉलिंग (BSNL Satellite Network)
बीएसएनएल की यह नई सेवा सैटेलाइट नेटवर्क का उपयोग करेगी, जिससे यूजर्स बिना किसी सिम कार्ड के भी कॉल कर सकेंगे। मौजूदा मोबाइल सेवाएं टावर्स पर आधारित होती हैं, लेकिन BSNL का सैटेलाइट नेटवर्क इस बाधा को खत्म कर देगा। इस सेवा से उन क्षेत्रों में भी कॉलिंग संभव होगी, जहां मोबाइल टावर का कवरेज नहीं है, जैसे कि दूर-दराज के गांव, पहाड़ी इलाके, और समुद्री क्षेत्र। सैटेलाइट कॉलिंग के इस नये युग की शुरुआत से दूरसंचार सेवाओं के विस्तार में एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा। यह सेवा विशेष रूप से आपदा प्रबंधन, रक्षा और समुद्री सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, जहां पारंपरिक नेटवर्क की पहुंच नहीं है।
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एयरटेल और जियो के लिए नई चुनौती
बीएसएनएल की इस सैटेलाइट कॉलिंग सेवा ने एयरटेल और जियो जैसी निजी टेलीकॉम कंपनियों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। BSNL का यह कदम न केवल ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करने के मामले में उसे बढ़त दिलाएगा, बल्कि उन उपभोक्ताओं को भी आकर्षित करेगा जो नियमित नेटवर्क की सीमाओं से जूझते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर BSNL इस तकनीक का सफलतापूर्वक इस्तेमाल करता है, तो एयरटेल और जियो को अपनी सेवाओं में सुधार और विस्तार के लिए नए तरीकों पर विचार करना होगा। इस समय, BSNL के पास सरकारी समर्थन और सैटेलाइट तकनीक का लाभ है, जो इसे निजी कंपनियों पर बढ़त दे सकता है।
कैसे काम करेगी सैटेलाइट नेटवर्क सेवा?
BSNL की यह सेवा सीधे सैटेलाइट के माध्यम से कॉल को ट्रांसमिट करेगी, जिससे मोबाइल टावर्स पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। इसके लिए उपयोगकर्ताओं को विशेष हार्डवेयर या डिवाइस की जरूरत होगी, जिसे कंपनी द्वारा पेश किया जाएगा। ये डिवाइस मोबाइल फोन की तरह ही काम करेंगे, लेकिन इन्हें सैटेलाइट से कनेक्ट होने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सेवा खास तौर पर उन उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होगी जो ज्यादातर समय नेटवर्क से बाहर रहने वाले क्षेत्रों में रहते हैं या काम करते हैं। इसका उपयोग आपातकालीन परिस्थितियों में भी महत्वपूर्ण होगा, जहां सामान्य नेटवर्क काम नहीं करता है।
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