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टारगेट मैच्योरिटी फंड में करें निवेश, ब्याज दर घटने पर देंगे मोटा रिटर्न, कैसे करें सही फंड का चुनाव

पिछले दो महीने में बॉन्ड यील्ड में गिरावट आने के बावजूद यह अभी भी 7 फीसदी से अधिक है और निवेश एक्सपर्ट्स की मानें तो टारगेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने का यह सही समय है। आइए विस्तार से इसे समझने की कोशिश करते हैं।

Feb 06, 2024 / 11:58 am

स्वतंत्र मिश्र

ब्याज दरें अभी चढ़ी हुई हैं मगर 2024 की दूसरी छमाही तक इनमें गिरावट शुरू होने का अनुमान है। निवेश सलाहकारों के मुताबिक, सारे संकेत यही हैं कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी का दौर अब थम गया है और अगले 5-6 माह में ब्याज दरों में कटौती का दौर शुरू हो सकता है। ऐसे में फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) की दरें घटने के आसार हैं। वहीं ब्याज दरें घटने से टारगेट मैच्योरिटी फंड्स (Target Maturity Funds) और आकर्षक हो जाएंगे।

निवेश का सही समय

आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी के को-हेड कौस्तुभ गुप्ता ने बताया, पिछले दो माह में बॉन्ड यील्ड में गिरावट आने के बावजूद यह अभी 7% से अधिक है। ऐसे में टारगेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश कर आकर्षक यील्ड हासिल करने का यह सही समय है। ब्याज दरों में नरमी आने पर डेट फंड का रिटर्न चढ़ता है और ब्याज दरें चढ़ने पर घटता है। पांच साल से अधिक अवधि के टारगेट मैच्योरिटी फंड में निवेश का यह अच्छा मौका है।

क्या होते हैं टारगेट मैच्योरिटी फंड?

ये डेट फंड फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज जैसे सरकारी बॉन्ड (जी-सेक), स्टेट डेवलपमेंट लोन (एसडीएल), पीएसयू बॉन्ड और कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश करते हैं। इन बॉन्ड्स की क्रेडिट क्वालिटी बेहतर होती है। इसमें बॉन्ड परिपक्वता तक रखे जाते हैं। उन पर मिलने वाला ब्याज भी सूचकांक में मौजूद बॉन्डों के साथ परिपक्व होने वाले बॉन्डों में निवेश कर दिया जाता है। टारगेट मैच्योरिटी फंड्स की मियाद कुछ महीनों से 10 साल तक हो सकती है।

ऐसे मिलेगा अतिरिक्त रिटर्न

निप्पॉन इंडिया के मुख्य निवेश अधिकारी अमित त्रिपाठी ने कहा, परिपक्व होने तक निवेश रखा जाए तो टारगेट मैच्योरिटी फंड आपको लगभग वही यील्ड देंगे जो निवेश के समय थी। ब्याज दरें गिरने पर भी आप निवेश बनाए रखते हैं और फिर ब्याज बढ़ने पर बॉन्ड बेच देते हैं तो मझोली से लंबी अवधि में अतिरिक्त रिटर्न भी मिल सकता है। फिलहाल ब्याज दरें चरम पर हैं इसलिए इसमें निवेश करने पर अच्छा रिटर्न मिल सकता है।

क्या हैं इसके फायदे?

– कम एक्सपेंस रेशियो, फंड मैनेजर का जोखिम और क्रेडिट जोखिम भी नहीं।

– इनमें तरलता का जोखिम बहुत कम होता है, क्योंकि ये ओपन एंडेड फंड हैं जिसे जब चाहें खरीद-बेच सकते हैं। ये इंडेक्स फंड और ईटीएफ के रूप में उपलब्ध।

– अगर ये फंड परिपरक्वता तक रखे जाएं तो ब्याज दरें घटने-बढऩे का जोखिम भी खत्म हो सकता है।

सही फंड कैसे चुनें?

निवेशकों को उन फंड्स में निवेश करना चाहिए जो उतने समय में ही परिपक्व हों जितने समय तक निवेश रखना चाहते हैं। अगर आप तीन साल के लिए निवेश करना चाहते हैं तो वे फंड ही चुनें जो अगले तीन साल में परिपक्व हो रहे हों। अधिक जोखिम लेने की क्षमता वाले निवेशक लंबी अवधि वाले टारगेट मैच्योरिटी फंड में निवेश कर सकते हैं और ब्याज दरें गिरने पर उन्हें बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं।

टॉप रिटर्न वाले 5 टारगेट मैच्योरिटी फंड

-एसबीआई आईबीएक्स गिल्ट इंडेक्स 9.49%

-एडलवाइस 50:50 गिल्ट प्लस 8.94%

-आइसीआइसीआइ जी-सेक 8.39%

-एबीएसएल आइबीएक्स गिल्ट 7.53%

-कोटक निफ्टी एसडीएल इक्वल वेट 7.85%

(एक साल में मिला रिटर्न)

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