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सावधान रहें, छद्म विज्ञापनों से गुमराह नहीं होना चाहिए

अक्सर टीवी चैनल्स व अन्य मीडिया में कई ऐसे विज्ञापन नजर आते हैं जो भ्रामक होते हैं। इन्हें छद्म या सरोगेट विज्ञापन कहा जाता है। अधिकतर उपभोक्ता इससे भ्रमित होकर उस ब्राण्ड की ऐसी वस्तुओं के प्रति आकर्षित हो जाते हैं जिसके विज्ञापनों पर कानूनी तौर से पाबंदी लगी है।

जयपुरOct 03, 2024 / 06:52 pm

Jyoti Kumar

misled by false advertisements

अक्सर टीवी चैनल्स व अन्य मीडिया में कई ऐसे विज्ञापन नजर आते हैं जो भ्रामक होते हैं। इन्हें छद्म या सरोगेट विज्ञापन कहा जाता है। अधिकतर उपभोक्ता इससे भ्रमित होकर उस ब्राण्ड की ऐसी वस्तुओं के प्रति आकर्षित हो जाते हैं जिसके विज्ञापनों पर कानूनी तौर से पाबंदी लगी है।
इनमे शराब, सिगरेट और गुटखे बनाने वाली कंपनियों के विज्ञापन के साथ अन्य उत्पाद भी शामिल हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और विभिन्न कानूनी प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित हैं। ये सभी भ्रामक विज्ञापनों की श्रेणी में आते हैं।
यहां हो सकती शिकायत
उपभोक्ता यदि ऐसे विज्ञापनों से भ्रम का शिकार बनते हैं तो वे केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण को शिकायत दर्ज करा सकते हैं। नुकसान की स्थिति में क्षतिपूर्ति भी प्राप्त की जा सकती है।
डॉ. अनन्त शर्मा, नेशनल चेयरमैन, कंज्यूमर कॉन्फेडरेशन

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