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यह भारत के गैर-निष्पादित ऋण भार का लगभग एक चौथाई होगा। शुरूआत में केन्द्र सरकार बैड बैंक में पैसा लगाएगी। एनपीए साफ होने पर ये सरकारी बैंक आसानी से आम ग्राहकों और कारोबारियों को ज्यादा लोन दे पाएंगे। लिहाजा बैंकों के कर्ज नहीं देने वाली बात खत्म हो जाएगी। वहीं दूसरी ओर सरकार को बैंकों का प्राइवेटाइजेशन करने में भी आसानी हो जाएगी। यह भी पढ़ें
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यह है बैड बैंकबैड बैंक परिसंपत्ति पुनर्निमाण कंपनी होती है, जिसका काम यह होता है कि बैंकों के फंसे हुए कर्जों यानि एनपीए को नियंत्रण में लें। बैड बैंक किसी भी खराब परिसंपत्ति को अच्छी परिसंपत्ति में बदलने का कार्य करता है। अभी अमरीका, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन व पुर्तगाल में बैड बैंक कार्य कर रहे हैं।
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