सेबी के एक अधिकारी के मुताबिक ‘चित्रा रामकृष्ण हिमालय में रहने वाले योगी से काफी प्रभावित थीं। इस योगी को उन्होंने कभी देखा भी नहीं है फिर भी बड़े निर्णय लिए। ये योगी तीन वेदों के नामों वाली एक ईमेल आईडी का इस्तेमाल करते थे। इस निर्णय में आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति भी शामिल है।’
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चित्रा रामकृष्ण ने स्वीकारे आरोप
रामकृष्ण ने खुद स्वीकार किया है कि वह अज्ञात योगी ‘सिरोमणी’ से कभी नहीं मिलीं, लेकिन लगभग 20 वर्षों तक उनके साथ ईमेल आईडी rigyajursama@outlook.com के जरिए समपर्क में रहीं और कुछ सबसे महत्वपूर्ण कॉर्पोरेट और व्यावसायिक निर्णयों के लिए दिशा-निर्देश लिए। रामकृष्ण ने बतय कि उस योगी के साथ एनएसई के पांच साल के अनुमानों, वित्तीय डेटा, लाभांश अनुपात, व्यावसायिक योजनाओं, बोर्ड बैठक के एजेंडे जैसी जानकारी साझा की, और यहां तक कि कर्मचारियों के प्रदर्शन के मूल्यांकन पर उनसे परामर्श भी किया।
रामकृष्ण के खिलाफ सेबी ने लिया एक्शन
अब इस मामले में एक्शन लेते हुए SEBI ने रामकृष्ण पर 3 करोड़ रुपये, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE),पूर्व प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि नारायण और सुब्रमण्यम पर 2-2 करोड़ रुपये तथा वी आर नरसिम्हन पर 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने NSE 6 महीने तक के लिए को कोई भी नया उत्पाद पेश करने पर रोक लगा दी है।
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बता दें कि अप्रैल 2013 से दिसम्बर 2016 तक रामकृष्ण NSE की एमडी और सीईओ रहीं थीं। रामकृष्ण को को-लोकेशन और एल्गो ट्रेडिंग घोटाले में उनकी भूमिका और सुब्रमण्यम की नियुक्ति में पद के दुरुपयोग के लिए 2016 में NSE से बाहर कर दिया गया था।