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LIC IPO: एलआईसी आईपीओ की उल्टी गिनती शुरू, समझिए LIC आईपीओ से संबंधित 20 खास बातें

देश जिस आईपीओ का इंतजार कर रहा थी उसकी तारीखें आ गई हैं। आम निवेशकों के साथ-साथ एलआईसी पॉलिसी होल्डर्स भी इसका बेसब्री से इंतजार था। इस बात का अंदाजा आप उन आंकड़ों से लगा सकते हैं जो बता रहे हैं कि एलआईसी के आईपीओ के लिए लाखों में नए डीमैट खाते खुले हैं। अब सभी को इंतजार है 4 मई का जब इसका LIC का आईपीओ निवेश के लिए खुल जाएगा।

Apr 30, 2022 / 05:25 pm

Swatantra Jain

जयपुर। अब जबकि यह आधिकारिक रूप से तय हो गया है कि भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का पब्लिक इश्यू ऑफरिंग (LIC IPO) अगले महीने प्राइमरी मार्केट (Primary Market) में लॉन्च होने जा रहा है। बीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, एलआईसी आईपीओ सब्सक्रिप्शन 4 मई 2022 को खुलेगा और यह 9 मई 2022 तक बोली के लिए खुला रहेगा। भारत सरकार (GoI) ने एलआईसी के आईपीओ मूल्य बैंड 902 से 949 रुपये प्रति निर्धारित किया है।
भारत सरकार ने खुदरा और पात्र कर्मचारी श्रेणी के लिए 45 रुपये प्रति इक्विटी शेयर और पॉलिसी धारक श्रेणी को 60 रुपये प्रति इक्विटी शेयर की छूट की भी घोषणा की है। इस बीच, एलआईसी के शेयर की कीमत ग्रे मार्केट में भी कारोबार करने लगी है। बाजार के जानकारों के मुताबिक, एलआईसी के शेयर आज ग्रे मार्केट में 71 रुपये के प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं। हालांकि, इसने सोमवार को 25 रुपये के प्रीमियम पर ग्रे मार्केट में अपनी शुरुआत की थी। इसके बाद से इसका प्रीमियम ग्रे मार्केट में लगातार बढ़ रहा है। आइए बताते हैं एलआईसी आईपीओ से जुड़ी 20 खास बातें –
1 .एलआईसी आईपीओ का मूल्य

भारत सरकार ने एलआईसी आईपीओ मूल्य बैंड 902 से 949 रुपये प्रति इक्विटी शेयर तय किया है। आईपीओ का यह मूल्य एलआइसी की निहित क़ीमत से सिर्फ 1.1 गुना भाव पर बेचा जा रहा है।
2. सदस्यता के लिए एलआईसी आईपीओ तिथि

बीमा दिग्गज कंपनी एलआईसी का सार्वजनिक निर्गम सदस्यता के लिए 4 मई 2022 को खुलेगा और यह 9 मई 2022 तक बोली लगाने के लिए खुला रहेगा। इसके लिए अधिकतम और न्यूनतम शेयर खरीद के लिए भी शेयर संख्या तय की गई है।
3. एक साथ कम से कम पंद्रह शेयरों की लगेगी अर्ज़ी, तीन हैं कैटेगरी

पॉलिसीधारक हो या सामान्य व्यक्ति दोनों के लिए ही कम से कम एक लॉट यानी पंद्रह शेयरों की अर्ज़ी लगाना ज़रूरी है। इससे कम की अर्ज़ी नहीं लग सकती। पॉलिसीधारक कोटे में अधिकतम दो लाख रुपए की अर्ज़ी लगाई जा सकती है। यानी अधिकतम 14 लॉट के लिए अर्ज़ी लग सकेगी। रीटेल में अर्ज़ी लगाने वाले सामान्य आवेदक भी कम से कम या ज़्यादा से ज़्यादा इतनी ही अर्ज़ी लगा पाएंगे। एलआईसी में निवेश की तीन श्रेणियां बनाई गई हैं। पॉलिसीधारक, रिटेल और कर्मचारी। अगर कोई इन तीनों श्रेणी में निवेश करना चाहता है तो इसकी लिमिट 6 लाख रुपए हो जाएगी।
4. एचएनआई कैटेगरी में कर सकते हैं दो लाख से ज्यादा निवेश

अगर दो लाख रुपए से ज़्यादा की अर्ज़ी लगानी है तो फिर एचएनआई या हाइ नेटवर्थ इंडिविजुअल श्रेणी में लगेगी और उस कैटिगरी में ज़्यादा से ज़्यादा किसी भी रकम की अर्ज़ी लगाई जा सकती है।
5. एक से ज्यादा लगाई जा सकती हैं एक पैन कार्ड पर अर्जी

यूं आइपीओ में एक से ज़्यादा अर्ज़ी नहीं लगाई जा सकती है लेकिन एलआइसी के आइपीओ में पहली बार ये इंतजाम किया गया है कि पॉलिसीधारक एक ही पैन कार्ड का इस्तेमाल करके दो आवेदन कर सकते हैं। एक पॉलिसीहोल्डर कोटे में और एक सामान्य रूप से रिटेल या एचएनआइ कोटे में। जिन लोगों के पास एलआइसी पॉलिसी नहीं है या जिन्होंने अपनी पॉलिसी को पैन से नहीं जोड़ा है वो केवल एक ही अर्ज़ी लगा पाएंगे।
6. एलआईसी आईपीओ जीएमपी (IPO GMP): 

एलआईसी आईपीओ के शेयरों ने सोमवार को ग्रे मार्केट (Grey Market) में 25 रुपये के प्रीमियम पर कारोबार करना शुरू किया। एलआईसी आईपीओ का जीएमपी आज 30 अप्रेल को 91 रुपये है जिसका मतलब है कि ग्रे मार्केट में एलआईसी आईपीओ लिस्टिंग की उम्मीद लगभग 1040 रुपये (949 + 48 रुपये) पर कर रहा है, जो इसके निर्गम मूल्य से लगभग 5 प्रतिशत अधिक है।
7. एलआईसी पॉलिसीधारकों के लिए छूट:

भारत सरकार ने एलआईसी पॉलिसी रखने वाले आवेदकों को 60 रुपये प्रति इक्विटी शेयर छूट की घोषणा की है। हालांकि, केवल वही एलआईसी पॉलिसीधारक इस छूट के लिए पात्र होंगे जिन्होंने 13 अप्रैल 2022 को या उससे पहले अपनी पॉलिसी खरीदी थी, जिस दिन एलआईसी ने सेबी में अपना डीआरएचपी दायर किया था।
8. एलआईसी कर्मचारियों के लिए छूट:

भारत सरकार ने सार्वजनिक निर्गम के लिए आवेदन करने वाले एलआईसी कर्मचारियों को 45 रुपये प्रति इक्विटी शेयर छूट की घोषणा की है।

9. एलआईसी आईपीओ आकार:
भारत सरकार का लक्ष्य अपने सार्वजनिक प्रस्ताव से 21,008 करोड़ रुपये जुटाना है, जो प्रकृति में 100 प्रतिशत ओएफएस (बिक्री के लिए प्रस्ताव) है। इसके लिए काफ़ी हद तक बाज़ार के हालात और यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई अनिश्चितता ज़िम्मेदार है। इसीलिए जहाँ सरकार एलआइसी में पाँच से 10 पर्सेंट हिस्सा बेचना चाहती थी, अब वो सिर्फ़ साढ़े तीन पर्सेंट हिस्सेदारी ही बेच रही है। यानी आइपीओ का आकार काफ़ी छोटा हो चुका है।
10. सिर्फ 1.1 गुना भाव पर आ रहा है आइपीओ

निवेशकों और सलाहकारों के साथ चर्चा के बाद अब सरकार एलआइसी की निहित क़ीमत से सिर्फ 1.1 गुना भाव पर आइपीओ में शेयर बेचने जा रही है।
11. भारतीय शेयर बाजार का है सबसे बड़ा आईपीओ

इसके बावजूद ये भारतीय बाज़ार का अब तक का सबसे बड़ा आइपीओ है और सरकार 221,374,920 शेयर बेचकर लगभग 20557 करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी कर रही है। इससे पहले अब तक का सबसे बड़ा आइपीओ पेटीएम का था, जिसमें साढ़े अठारह हज़ार करोड़ रुपए जुटाए गए थे।
12. एलआईसी आईपीओ लिस्टिंग 17 मई को:

पब्लिक इश्यू एनएसई और बीएसई दोनों पर लिस्ट होगा और पब्लिक इश्यू की संभावित लिस्टिंग की तारीख 17 मई 2022 है।

13. कुल 6.48 करोड़ पॉलिसी धारकों ने जोड़ ली है पैन कार्ड से अपनी पॉलिसी
इस बीच लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के निदेशक राहुल जैन का एक बयान आया है, उनका कहना है कि पॉलिसी धारकों में इस आईपीओ को लेकर उत्सुकता है. उन्होंने बताया कि करीब 6.48 करोड़ पॉलिसी धारकों ने कट-ऑफ तिथि (28 फरवरी- 2022) तक अपने पैन नंबर को पॉलिसी डिटेल के साथ जोड़ा है.
14. कौन है एलआईसी आईपीओ रजिस्ट्रार:

केफिन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड को एलआईसी आईपीओ के आधिकारिक रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किया गया है।

15. दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है एलआईसी
भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआइसी भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी और दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है।

16. देश के सबसे बड़े भूस्वामियों में से एक है एलआईसी
इसके साथ ही ये देश के सबसे बड़े भूस्वामियोंं में से एक भी है यानी देश के अलग-अलग शहरों में सबसे क़ीमती जायदाद का बड़ा हिस्सा इसी कंपनी के पास है। भारत के शेयर बाज़ारों में पैसा लगाने वाला सबसे बड़ा संस्थान भी एलआइसी ही है।
17. सारे म्यूचुअल फंड की है LIC आईपीओ पर नजर

देश के सारे म्यूचुअल फंड मिलकर भी बाज़ार में एलआइसी के निवेश से लगभग आधी रक़म ही जुटा पाते हैं। इसी लिए शेयर बाज़ार के खिलाड़ियों और निवेशकों को लंबे समय से उस दिन का इंतज़ार था जब सरकार एलआइसी में हिस्सेदारी बेचने का फ़ैसला करे और उन्हें इस बेशकीमती कंपनी के शेयर ख़रीदने का मौक़ा मिल जाए।
18. तो क्या बेचे जाएंगे LIC के 25 प्रतिशत शेयर

नियम के हिसाब से शेयर बाज़ार में लिस्टेड किसी भी कंपनी में कम से कम 25 पर्सेंट शेयर जनता के पास यानी ऐसे लोगों के पास होने चाहिए जो कंपनी के प्रोमोटर नहीं हैं। लिस्टिंग के इस नियम का पालन करने के लिए सरकार को अपनी हिस्सेदारी 100 पर्सेंट से घटाकर 75 पर्सेंट तक लानी होगी।
सरकारी कंपनियों को इस नियम के लिए कुछ ज़्यादा मोहलत मिल जाती है। इसीलिए एलआइसी को सिर्फ़ साढ़े तीन पर्सेंट शेयर बेचने की विशेष अनुमति भी मिल गई है।
सरकार ने पहले कह रखा है कि वो दो तीन साल में 10 से 20 पर्सेंट हिस्सेदारी और बेच सकती है। नियम के अनुसार उसे ऐसा करना भी है।
19. एक साल तक नहीं आएगा एलआईसी का एक और IPO

लेकिन आज आइपीओ में पैसा लगानेवालों के लिए ये फ़िक्र की बात हो सकती है इसलिए सरकार ने ये वादा भी किया है कि आइपीओ आने के बाद कम से कम एक साल तक वो अपने बाकी शेयरों में से कोई हिस्सेदारी बाज़ार में नहीं बेचेगी ताकि मौजूदा शेयर होल्डरों को उनके शेयरों की कीमत अचानक गिरने का डर न रहे।
20. क्यों दिए जा रहे हैं LIC के पॉलिसीधारकों को शेयर ?

ऐसा पहली बार हो रहा है कि कोई कंपनी अपने सभी ग्राहकों को अपना शेयरधारक बनने का प्रस्ताव दे रही है। वजह ये है कि जब सरकार एलआइसी के आइपीओ की तैयारी कर रही थी तो उसे इस बात का डर था कि इतने बड़े आइपीओ के लिए बाज़ार में पूरी मांग भी हो पाएगी या नहीं। इसीलिए ये अनूठा तरीक़ा सोचा गया। एलआइसी के लगभग 29 करोड़ पॉलिसीधारक हैं। इनमें बहुत बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जिन्होंने कभी शेयर बाज़ार में निवेश नहीं किया। जानकारों का मानना है कि इनमें से 10 पर्सेंट लोग भी अगर एलआइसी के शेयरों के लिए अर्ज़ी लगाते हैं तो इससे दोहरा फ़ायदा होगा। एक तो एलआइसी का इशू सफल होने की संभावना बढ़ जाएगी और दूसरे इन लोगों को शेयर बाज़ार की राह दिख जाएगी तो फिर ये दूसरी जगह भी निवेश की सोच सकते हैं। ये वजह है कि सिर्फ़ एलआइसी और सरकार ही नहीं बल्कि पूरा शेयर बाज़ार इस बारे में उत्साहित है। एलआइसी के एजेंट महीनों से काम पर लगे हैं और पॉलिसीधारकों को शेयर होल्डर बनने के फ़ायदे भी बता रहे हैं और ऐसा करने का रास्ता भी।

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