क्रेडिट स्कोर के महत्त्व
क्रेडिट आवेदन : जब आप किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से ऋण या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो क्रेडिट स्कोर के अनुसार ही ऋण मिलता है।
ब्याज दरें : उच्च क्रेडिट स्कोर होने पर बेहतर ब्याज दरें व कम होने पर उच्च ब्याज दरों का सामना करना पड़ सकता है।
ऋण की राशि : क्रेडिट स्कोर के आधार पर, वित्तीय संस्थान यह तय करते हैं कि कितनी राशि का ऋण दिया जा सकता है।
क्रेडिट लिमिट : यदि क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो उच्च क्रेडिट लिमिट मिल सकती है।
क्यों प्रभावित होता क्रेडिट स्कोर
बार-बार आवेदन : कई क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए आवेदन करने से भी आपका क्रेडिट स्कोर नीचे जा सकता है। इसलिए ऐसा करने से बचें।
को-लोन : पार्टनर के साथ मिलकर लोन लेने से भी स्कोर नीचे जा सकता है।
समय पर भुगतान : सभी कर्जों और बिलों का समय पर भुगतान करते हैं, तो यह आपके स्कोर को बढ़ाता है।
क्रेडिट उपयोग अनुपात : अगर अपने क्रेडिट कार्ड की सीमा के मुकाबले कम उपयोग करते हैं, तो भी आपका स्कोर प्रभावित हो सकता है।
क्रेडिट इतिहास की लंबाई : लंबे समय तक सक्रिय क्रेडिट खाता रखने से आपका स्कोर बेहतर हो सकता है।
नए क्रेडिट आवेदन : बार-बार नए क्रेडिट के लिए आवेदन करने से क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है।
विभिन्न प्रकार के कर्ज : विभिन्न प्रकार के कर्ज का होना भी क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है।
कैसे सुधारें
सेट करें ऑटो-डेबिट: लोन को जल्द सेटल करें। लोन-क्रेडिट कार्ड पेमेंट टाइमली करें। पेमेंट भूल जाते हैं तो ऑटो-डेबिट लगा सकते हैं। बकाया कर्ज को कम करें। अनसिक्योर्ड लोन: छोटी अवधि में बार-बार लोन के लिए अप्लाई करने से बचें। यह क्रेडिट स्कोर पर असर डालता है। पर्सनल लोन जैसे अनसिक्योर्ड लोन ज्यादा नहीं होना चाहिए।
लोन के लिए क्रेडिट स्कोर की टिप्स
पर्सनल लोन के लिए संस्थाओं से बात कीजिए, जिनमें पहले से ही रकम जमा किया या लोन या कार्ड लिया है। बैंक व संस्थाएं उन लोगों को बेहतर और कम ब्याज पर कर्ज देते हैं, जो पहले से जानकार होते हैं। पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड पाना मुश्किल
लग रहा है तो कुछ गिरवी रख दें। लोन पाने की कोशिश करें।