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GST स्लैब में हो सकते हैं बड़े बदलाव (55th GST Council Meeting)
इस बैठक में जीएसटी स्लैब (55th GST Council Meeting) को लेकर अहम फैसले होने की संभावना है। टैक्स स्लैब को वर्तमान अधिकतम 28% से बढ़ाकर 35% तक किए जाने का प्रस्ताव है। इसके तहत प्रीमियम और लग्जरी उत्पादों पर कर दर बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा, व्यापारियों की ओर से हर तीन महीने में भरे जाने वाले जीएसटी रिटर्न को अधिक पारदर्शी और सरल बनाने पर चर्चा होगी।हेल्थ इंश्योरेंस पर कर राहत की संभावना
बैठक में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर टैक्स (55th GST Council Meeting) में कमी लाने का प्रस्ताव भी चर्चा में रहेगा। 5 लाख रुपए तक के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी (55th GST Council Meeting) माफ किए जाने की संभावना है। हालांकि, 5 लाख से अधिक कवर वाली पॉलिसी पर यह छूट लागू नहीं होगी। इस कदम का उद्देश्य बीमा योजनाओं को किफायती बनाना और हेल्थ व लाइफ इंश्योरेंस को बढ़ावा देना है।फूड डिलीवरी और अन्य सेवाओं पर निर्णय
फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म पर वर्तमान में 18% जीएसटी लगाया जाता है। इसे घटाकर 5% करने का प्रस्ताव भी बैठक में रखा जा सकता है। इसके अलावा, हेल्थ को नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों पर उच्च टैक्स लगाने के लिए 35% का नया स्लैब पेश किया जा सकता है।प्री-बजट बैठक में हुए सुझाव
शुक्रवार को जैसलमेर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ प्री-बजट बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में बजट 2025-26 के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए। वित्त मंत्री ने बताया कि 15वें वित्त आयोग के तहत 45 महीनों में राज्यों को हस्तांतरित धनराशि 14वें वित्त आयोग के तहत 60 महीनों में हस्तांतरित राशि से अधिक है।राज्यों के लिए विशेष सहायता योजना
सीतारमण ने राज्यों को विशेष सहायता योजना (एसएएससीआई) का जिक्र करते हुए कहा कि इससे राज्यों को पूंजी निवेश में सहायता मिली है। केंद्र ने इस योजना के तहत 30,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि आवंटित की है, जिसका उपयोग राज्यों में बुनियादी ढांचे के निर्माण और सुधार के लिए किया जा सकता है।आपदाग्रस्त क्षेत्रों के लिए विशेष प्रावधान
गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिनियुक्त अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी) की सिफारिश पर गंभीर आपदाओं से प्रभावित राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह सहायता सड़कों, पुलों, जलापूर्ति और बिजली जैसे क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए होगी। ये भी पढ़े:- अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया नई गिरावट पर, 14 पैसे टूटकर ₹85.08 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर