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बेहतर कनेक्टिविटी के साथ रियल एस्टेट सेक्टर बनेगा अलवर के विकास की पहचान

बदलेगी रियल एस्टेट सेक्टर की तस्वीर
बेहतर कनेक्टिविटी के साथ मिलेगी रफ्तार

Oct 12, 2019 / 01:27 pm

manish ranjan

maha property: फ़्लैट धारक भी होंगे अब अपनी इमारत के जमीन के मालिक

किसी भी शहर का रियल एस्टेट मार्केट उसके अन्य शहरों व राज्यों के साथ कनेक्टिविटी पर काफी निर्भर करता है | अलवर के सन्दर्भ में यदि बात करें तो बीते कुछ सालों में इस शहर की कनेक्टिविटी को मजबूती देने के लिए कई परियोजनाएं प्रस्तावित हुईं | जिसके बाद शहर की सूरत पूरी तरह से बदलने के कयास लगाएं जा रहे हैं | साथ ही कई बड़े रियल एस्टेट डेवलपरों ने भी अलवर में अपना प्रोजेक्ट निर्माण करने की घोषणा कर चुके हैं | क्यूंकि जायज है कि कनेक्टिविटी बेहतर होने से यहाँ घरों की मांग भी बढ़ेगी और इस मांग को पूरा करने के लिए शहर का रियल एस्टेट मार्केट भी पूरी तरह से तैयार है |
रैपिड रेल : राजस्थान सरकार ने दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी आरआरटीएस कॉरिडोर को मंजूरी मिलने के बाद रैपिड रेल के यूपी के मेरठ से चलकर गाजियाबाद होते हुए अलवर तक पहुँचने तय हो चुका है | दिल्ली के सराय काले खां से अलवर तक के 164 किलोमीटर का सफर 55 मिनट में यात्री तय कर सकेंगे। इस रूट पर सर्वे के अनुसार 9.1 लाख लोगों को रोजाना फायदा होगा। इससे अलवर में घर खरीददारों की संख्या बढ़ेगी और लोग ज्यादा से ज्यादा यहाँ के रियल एस्टेट मार्केट में निवेश करने के लिए आकर्षित होंगे |
दिल्ली-बड़ोदरा एक्सप्रेस वे : दिल्ली – बड़ोदरा एक्सप्रेस वे या राष्ट्रीय राजमार्ग 148 एन प्रोजेक्ट का जिले के रामगढ़, रैनी व लक्ष्मणगढ़ के 52 गाँव से होकर करीब 72 किलोमीटर की दूरी तय करेगा | जो जिले के तीनों तहसील क्षेत्रों की जीवन रेखा साबित होगा | प्रोजेक्ट का निर्माण शुरू हो चुका है और निर्माण-कार्य 2 साल में पूरा होना निर्धारित है | अलवर के साथ साथ यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के दौसा, सवाईमाधोपुर, कोटा व बूंदी जिलों से होकर गुजरेगा | एक्सप्रेसवे के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी से सीधा संपर्क होने की वजह से अलवर शहर प्रॉपर्टी में निवेश के लिए सबसे उपयुक्त मार्केट साबित होगा |
ग्रीन कार्गो एअरपोर्ट : विमानन मंत्रालय द्वारा दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) पर व्यापारिक गतिविधियों के लिए दरवाजे खोलने हुए राजस्थान के अलवर जिले में एक ग्रीन फील्ड कार्गो एयरपोर्ट को मंजूरी दी जा चुकी है |
इस परियोजना से क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे। एनसीआर के पास होने और दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को मजबूती देने के साथ ही यह परियोजना बहुत सारे आर्थिक और निवेश के अवसरों को पैदा करेगी | जिससे अंततः प्रॉपर्टी की मांगों में इजाफा होगा, विशेषकर अफोर्डेबल हाउसिंग को कई गुना बढ़ावा मिलने की उम्मीद है |
शहर के कमर्शियल सेगमेंट पर बात करते हुए भूमिका ग्रुप के एमडी उद्धव पोद्दार ने कहा कि, “कनेक्टिविटी व इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित होने के साथ ही अलवर रियल एस्टेट में निवेश के लिहाज से एक आदर्श मार्केट बन चुका है | यहाँ पहले से ही डेवलपर्स द्वारा काफी हाउसिंग प्रोजेक्ट्स बनाये जा चुके है और कई प्रोजेक्ट्स प्रस्तावित हैं, जिससे आने वाले समय यहाँ मॉल आदि की मांग में इजाफा होगा | जिसे पूरा करने के हम यहाँ शहर का सबसे आधुनिक मॉल अर्बन स्क्वायर गलेरिया विकसित कर रहे हैं | अलवर में अभी तक नामी व चुनिन्दा ब्रांड्स के लिए एक आर्गनाइज्ड जगह नहीं थी लेकिन अर्बन स्क्वायर गलेरिया मॉल आने के बाद आईनॉक्स समेत कई नेशनल ब्रांड्स इससे जुड़े हैं और पहली बार अलवर मार्केट में प्रवेश कर रहे हैं | जो इस मार्केट की गतिशीलता को दर्शाता है |”
अलवर के रियल एस्टेट मार्केट पर बात करते हुए रियल एस्टेट कंपनी सिग्नेचर सत्त्वा के फाउंडर व चेयरमैन प्रवीन अगरवाल कहते हैं कि “आने वाले समय में अलवर कई मायनों में रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक उभरता मार्केट साबित हो रहा है | राजधानी दिल्ली से करीबी और बेहतर संपर्क स्थापित होने से लोग ज्यादा से ज्यादा यहाँ के रियल एस्टेट मार्केट में निवेश कर रहे हैं | औसतन दिल्ली-एनसीआर में एक नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए घर लेना अलवर की तुलना में महंगा है | इसलिए अलवर में अफोर्डेबल हाउसिंग की मांग सबसे ज्यादा बढ़ेगी और सरकार द्वारा इस सेगमेंट के लिए हुई लाभकारी घोषणाओं के बाद हर किसी के लिए अपने घर का सपना पूरा करना आसान होगा |”

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