इस संबंध में कलेक्टर प्रवीण सिंह का कहना है कि, ये बेहद गंभीर मामला है। जांच दल में प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही विशेषज्ञ डाक्टरों को शामिल किया जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद आयुष्मान योजना में बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है। इस संबंध में कलेक्टर ने सीएमएचओ को भी प्रकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दे दिए हैं।
यह भी पढ़ें- AAP ने CM शिवराज पर लगाया घोटाले का आरोप, CBI जांच की उठी मांग
गले में छाले और कर दिया कमर में ऑपरेशन
सामने आए वीडियो में खंडवा से आई सविता बाई ने आरोप लगाया कि, वो अपने पिता के पैर के इलाज के लिए अस्पताल गई थी। पिता के कहने पर उसने अपने गले के छाले का जिक्र डाक्टरों से कर दिया। इसपर डॉक्टरों ने आनन फानन में उसकी एमआरआई जांच करा दी। इसके बाद डॉक्टर उसपर आपरेशन का दबाव बनाने लगे। उसने ऑपरेशन कराने से इंकार भी किया, पर डॉक्टरों ने उसकी एक न सुनी। महिला को हैरानी तो इस बात की है कि, डॉक्टरों ने गले की समस्या के बजाय उसकी कमर के पास आपरेशन कर दिया। महिला का आरोप है कि, उसे अभी तक ये नहीं बताया जा रहा कि, आखिर जब उसे गले में छालों की समस्या थी तो आखिर उसकी कमर में ऑपरेशन क्यों किया गया है।
इन्होंने भी लगाए आरोप
खास बात ये है कि, खंडवा की रहने वाली सविता बाई ही नहीं इसके अलावा खरगोन की रहने वाली सावित्री बाई राठौर, गीता बाई, अनोखे निवासी देवल समेत अन्य लोगों ने भी अस्पताल प्रबंधन पर इसी तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ितों का कहना है कि, अस्पताल द्वारा पहले तो स्वास्थ्य शिविर के बहाने पीड़ितों को बुलया जाता है। वहां से उनके कुछ टेस्ट करके मुफ्त इलाज देने के नाम पर अस्पताल भेज दिया जाता है। यहां पहुंचने पर अलग अलग कई हजार रुपए की जांचें मुफ्त में कर दी जाती हैं। इसके बाद उनपर ऑपरेशन का दबाव बनाया जाता है। लोगों द्वारा जब आपरेशन से इंकार किया जाता है तो अस्पताल फिर उनसे पहले जो जांचें मुफ्त में की गईं थी, उसकी रकम जमा करने का दबाव बनाने लगता है।
यह भी पढ़ें- पत्नी से परेशान आकर 131 फीट ऊंचे टॉवर पर चढ़ा पति, 4 घंटे चला हाई वोल्टेज ड्रामा
जांचों का शुल्क जमा करने की दी जाती है गरीबों को धमकी
अस्पताल की ओर से कहा जाता है कि, अगर वो छोटे से ऑपरेशन के लिए तैयार नहीं हैं, तो उन्हें पिछली सभी जांचों का शुल्क जमा करना होगा। ऐसे में कई गरीब लोग हजारों रुपए चुकाने का नाम सुनते ही डर जाते हैं। ये लोग मजबूरन ऑपरेशन कराने को तैयार हो जाते हैं। मगर अधिकतर लोगों का आरोप है कि, जिस तरह के ऑपरेशन के बारे में उन्हें बताया जाता है, वो ऑपरेशन किया नहीं जाता, बल्कि जब ऑपरेशन के बाद लोगों को होश आता है तो वो पाते हैं कि, किसी और ही चीज का ऑपरेशन किया गया है।
गले में दर्द की समस्या पर किया पेट का ऑपरेशन
खरगोन की सावित्री बाई के अनुसार, उसकी गर्दन में दर्द था। उसपर भी ओरों की तरह ऑपरेशन का दबाव बनाया गया। न कराने पर जांचों की रकम जमा करने की बात कही गई। अब सवाल ये है कि, डॉक्टरों ने उसके गले में दर्द का ऑपरेशन करने की बात कही थी। लेकिन, ऑपरेशन के बाद जब उसे होश आया तो पता लगा कि, उसके पेट का ऑपरेशन किया गया है।
15 हजार मांगे, इसलिए कराना पड़ा ऑपरेशन
एक अन्य पीड़िता गीताबाई ने आपरेशन से इंकार किया तो अस्पताल प्रबंधन ने उसके जांचों के एवज में 15 हजार रुपए की मांग कर दी। मजबूरी में उसे भी अपने पेट का ऑपरेशन कराना पड़ा।
आरोप सिद्ध हुए तो करेंगे कार्रवाई- कलेक्टर
अब इस मामले को कलेक्टर प्रवीण सिंह ने बी गंभीर बताते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। कलेक्टर के अनुसार, अगर आरोप सिद्ध होते हैं तो संबंधित अस्पताल के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।
मंत्री जी के भाई के लिए पुलिस करती है यहां खास इंतजाम, देखें वीडियो