बुरहानपुर

नहीं रहे ठाकुर वीरेंद्रसिंह

– ब्रेनडेड के बाद घोषित किया मृत

बुरहानपुरAug 03, 2018 / 10:27 pm

ranjeet pardeshi

Thakur Virendra Singh, not knowing, donated kidney, liver and eye donation

बुरहानपुर. शिक्षाविद् समाजसेवी ठाकुर वीरेंद्रसिंह के अचानक निधन की खबर ने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया। गुरुवार रात १० बजे अचानक वीरेंदसिंह की तबीयत खराब होने के बाद उन्हें निमाड़ अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां से उन्हें इंदौर रैफर कर दिया। शुक्रवार दोपहर उन्हें चिकित्सकों ने ब्रेनडेड घोषित किया।
सेवा सदन शिक्षा समिति के अध्यक्ष, नवलसिंह सहकारी शकर कारखाने में संचालक, पूर्व लायंस क्लब अध्यक्ष के साथ कई सामाजिक संगठनों में पदों पर रहे ठाकुर वीरेंद्रसिंह की घर पर रात में अचानक तबीयत बिगड़ी। जिन्हें निमाड़ में डॉक्टर आईएल मूंदड़ा को दिखाने के बाद उनका प्राथमिक क्षत्रीय महासभा उपाध्यक्ष संतोषसिंह दीक्षित ने बताया कि उपचार कर इंदौर रैफर कर दिया गया। जहां उनका उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। ५८ वर्षीय वीरेंद्रसिंह हमेशा अपनी कार्यकुशलता के बारे में जाने जाते। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई आयाम गढ़े। जिन्हें शहर में विकास पुरुष के नाम से भी जाना जाता। परिवार में उनके बड़ी बेटी अनवेंशिका, दूसरे नंबर का बेटा आदित्यप्रतापसिंग और तीसरे नंबर का देवादित्यसिंग है। उनकी पत्नी तारीका देवी है। सात भाइयों में वीरेंद्रसिंह पांचवें नंबर के थे।
पांच दिन पूर्व ही बड़े भाई का हुआ था निधन
५८ वर्ष की उम्र में सबसे बड़े भाई ठाकुर शिवकुमारसिंह का अचानक निधन हुआ था, जो विधायक का चुनाव जीते ही थे, शहर में वे जननायक के रूप में जाने जाते थे। दूसरे नंबर पर महेंद्रसिंह ठाकुर जो सांसद रहे, जिनका भी अचानक निधन हुआ। चौथे नंबर पर विजय बहादुरसिंह जिनका निधन पांच दिन पूर्व २९ जुलाई को अचानक हुआ। पांचवें नंबर पर वीरेंद्रसिंह थे। तीसरे नंबर चंद्रप्रकाशसिंह है जो पेट्रोल पंप का व्यवसाय देखते हैं और छठवें पर राजेंद्रसिंह है, सातवें नंबर के भाई कांग्रेस नेता ठाकुर सुरेंद्रसिंह है। ३१ जुलाई को भाई राजेंद्रसिंह और वीरेंद्रसिंह का जन्मदिन था।
शनिवार को दोपहर तक अंतिम दर्शन के लिए रखेंगे पार्थिव शरीर
दीक्षित ने बताया कि शुक्रवार रात ११ बजे इंदौर से शहर लेकर बुरहानपुर आएंगे। सुबह ८ बजे से उनके अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर उनके निवास इंदिरा कॉलोनी में रखा जाएगा। दोपहर ३ बजे अंतिम यात्रा निकाली जाएगी, जो नागझिरी घाट पहुंचेंगी।

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