बुरहानपुर

आज एक ऐसी नदी का जन्मदिन है.. जहां नहाकर खत्म हुआ था नारदजी का कोढ़

स्मरण मात्र से ही पाप दूर हो जाते हैं.. मां का दर्जा है पर अवैध खनन और प्रदूषण ने खतरे में डाल दिया। ऐसी नदी ताप्ती की जयंती आज। मध्यप्रदेश के बैतूल और बुरहानपुर जिले में बहती है ताप्ती नदी।

बुरहानपुरJul 08, 2019 / 04:41 am

राजीव जैन

Tapti Jayanti : Tapti river Route and Tapti Riligious Story Burhanpur

बुरहानपुर. आषाढ़ शुक्ल सप्तमी को जन्मी ताप्ती नदी का वेद और पुराणों में विशेष उल्लेख है। ताप्ती को सूर्य की बेटी माना जाता है और इसके जल में पूजन, दीपदान, तर्प, पिडदान का विशेष महत्व है। ताप्ती तट पर देवऋषि नारद, शांडिल्य, चांगदेव, मार्कण्डेय, उद्धालक, गौतम, ईवासा के साथ कई ऋषियों ने तप किया। धरती पर आद्य नदी मां ताप्ती की महिमा और उनके प्रति श्रद्धा के कारण ही गंगाजी ने धरा पर अवतरित होने में असहमति व्यक्त की थी। ताप्ती देश की प्रमुख पवित्र नदियों में से एक है। पुरातन काल में नदी तटों को ही मनुष्य ने निवास के लिए उपयुक्त जाना और नदी तटों पर ही सभ्यता, संस्कृति और नगरों का निर्माण हुआ। इसलिए ब्रघ्नपुर (बुरहानपुर का पूर्व नाम) ताप्ती तट पर हजारों साल पूर्व बसा है। ताप्ती को तापी, तापनाशनी और सूर्य तनया सहित अन्य नामों से जाना जाता है। इसका अर्थ ताप्ती त्रिविध ताप को शांत करने वाली है। गंगाजी में चिरकाल तक स्नान करने से, नर्मदा के दर्शन करने और सरस्वती के संगम के जल का पान करने से जो फल प्राप्त होता है, वह मां ताप्ती के केवल स्मरण मात्र से ही प्राप्त हो जाता है।
ताप्ती नदी मुलताई से 193 किमी तक बहकर बुरहानपुर पहुंचती है। ताप्ती का जल जीवित व मृतक दोनों के लिए वरदान है। ताप्ती का जल पवित्र और चर्म रोग मिटाने वाला है। कोढ़ का इलाज करने का भी गुण इस जल में है। नारदजी का कोढग़्रस्त शरीर और राजा भोसले के वंशज का रोगग्रस्त शरीर ताप्ती के स्नान करने से ही स्वस्थ हुआ। यही कारण है कि ताप्ती में विसर्जित अस्थियां शीघ्र गल जाती हैं। ताप्ती ने अपने पिता सूर्य का सदैव मान सम्मान बढ़ाया। सोमवार को बुरहानपुर जिले में ताप्ती जयंती का उत्सव मनाया जाएगा।
tapti river r Burhanpur IMAGE CREDIT: patrika
यह है ताप्ती का मार्ग
बुरहानपुर जिले में ताप्ती नदी देड़तलाई, तुकईथड़, पलासुर, सीवल, नावथा, लिंगा, नागझिरी, पिपलघाट, राजघाट, सतियारा घाट, बोहरड़ा, हतनूर, नाचनखेड़ा, पातोंडी से होकर अंतुर्ली महाराष्ट्र की ओर जाती है।
नदी घाटी एवं सहायक नदियां
ताप्ती नदी की घाटी का विस्तार कुल 65,145 किमी में है। यह घाटी क्षेत्र महाराष्ट्र में 51, 504 किमी, मध्य प्रदेश में 9,804 किमी एवं गुजरात में 3,837 किमी है। ये घाटी महाराष्ट्र उत्तरी एवं पूर्वी जिलों जैसे अमरावती, अकोला, बुलढाना, वाशिम, जलगांव, धुले, नंदुरबार एवं नासिक में फैली है। साथ ही मध्य प्रदेश के बैतूल और बुरहानपुर तथा गुजरात के सूरत एवं तापी जिलों में इसका विस्तार है। इसके जलग्रहण क्षेत्र का 79 फीसदी गुजरात शेष मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र राज्य में पड़ता है।
 

 Tapti Maa Photo
Tapti Maa Photo IMAGE CREDIT: patrika
गर्मियों में सपाट हो गई ताप्ती
अवैध रेत खनन से ताप्ती को छलनी कर दिया गया। कभी नहीं सूखने वाली ताप्ती गर्मी में सपाट हो रही। जीवनदायिनी मां ताप्ती नदी को प्रदूषित कर शहर का ड्रेनेज नदी में उतार दिया गया। भक्त जब घाट पर स्नान करने पहुंचते हैं, तो पास में ही नाले से आने वाला पानी ताप्ती में मिलता देखते हैं, तो आस्था को चोट पहुंचती है। यह हालात लंबे समय से हैं, लेकिन कभी सीवरेज के पानी को ताप्ती में रोकने के प्रयास नहीं हुए। हालांकि बुरहानपुर की प्रोसेस फैक्ट्री के मालिकों का कहना है कि हमने ट्रीटमेंट प्लांट बना दिए हैं, अब हमारा पानी बाहर नहीं जा रहा है, लेकिन इसमें कितनी सच्चाई है यह तो फैक्ट्री मालिक ही जानते हैं।
घाटों पर जमकर चल रहा खनन
ताप्ती नदी पर रेत का अवैध खनन इस तरह किया गया कि पूरी ताप्ती को छलनी कर दिया गया। जहां प्रतिबंधित क्षेत्र थे उन्हें भी नहीं छोड़ा गया। राजघाट, सतियारा घाट, नागझिरी, बड़े ताप्ती का पुल से लेकर देड़तलाई खकनार क्षेत्र में भी खनन जोरों पर चला। इस कारण ताप्ती में जगह-जगह गड्ढे हो गए। अफसरों ने कार्रवाई तो की, लेकिन यह भी खनन को पूरी तरह रोक नहीं सकी।
 

 Tapti River Photo
Tapti River Photo IMAGE CREDIT: patrika
चार करोड़ खर्च के बाद भी नतीजा सिफर
ताप्ती नदी में शहर का प्रदूषित पानी मिलने से रोकने के लिए पिछले दस साल से प्रयास चल रहे हैं। इसके लिए तीन करोड़ रुपए की ताप्ती शुद्धिकरण योजना में ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाए गए, लेकिन यह योजना भी सफल नहीं हो सकी। पीएचई विभाग जगह-जगह मशीन लगाकर इसे चालू भी किया, लेकिन बाद में निगम ने इसे हैंडओवर न करने से योजना बंद पड़ गई। बाद में इस पर फिर एक करोड़ खर्च किए पीएचई ने चालू किया अब निगम फिर से इसे हाथ में लेने से इनकार कर रहा है। निगम का कहना है कि पीएचई इसे चलाकर दिखाए।

फैक्ट फाइल
8487 स्क्वेयर किमी जलग्रहण क्षेत्र
213.0000 जीरो गेज
220.800 मीटर है डेंजर लेवल
218.000 मीटर है चेतावनी का लेवल
217.670 मीटर है वर्तमान में जल स्तर
213.560 मीटर पर मई की गर्मी में था पानी
सूरत से मंगवाई 108 मीटर चुनरी
सनातन धर्म प्रचार समिति द्वारा ताप्ती जयंती सोमवार को मनाई जाएगी। ताप्ती के राजघाट पर ताप्ती मां का पूजन, महाआरती एवं चुनरी उत्सव का आयोजन पंडित लोकेश शुक्ल की ओर से संपन्न किया जा रहा। शाम 5 बजे राजघाट पर यह कार्यक्रम होगा। ताप्ती महोत्सव समिति के जिला संयोजक महेश खंडेलवाल, महेंद्र जैन ने बताया कि चुनरी उत्सव में उद्योगपति कमलनयन लाठ की ओर से संपन्न किया जाएगा। सूरत से 108 मीटर की चुनरी मंगवाई है, तो सोमवार शाम को ओढ़ाई जाएगी। गायत्री परिवार की ओर से ताप्ती को पौधरोपण कर हरी चुनरी ओढ़ाई जाएगी। गायत्री परिवार के मनोज तिवारी ने बताया कि 151 पौधे लगेंगे। नाथ समाधि राम मंदिर महाजनापेठ में लगाए जाएंगे। यह कार्यक्रम सुबह 8 से 9 बजे तक चलेगा। हवन यज्ञ भी होगा।
 

Tapti Jayanti : Tapti river Route and Tapti Riligious Story Burhanpur
Tapti Jayanti : Tapti river Route and Tapti Riligious Story Burhanpur IMAGE CREDIT: patrika
रेत का खनन बंद होना चाहिए
रेत का खनन बंद कराना जरूरी है, इसलिए पानी रोकने की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही। नदी की स्थिति दयनीय बन रही है। ताप्ती जयंती मनाने का उद्देश्य यह है कि नदियों का सम्मान करें, संरक्षण करें, उनके प्रति आस्था का भाव रखे उनका शोषण न करें। उन्हें जीवित रखने का प्रयास करें।
पंडित लोकेश शुक्ला
ताप्ती में शहर का गंदा पानी न जाए इसके लिए 90 करोड़ रुपए की सीवरेज योजना पर काम चल रहा है। प्रदूषित पानी अब सीवरेज के माध्यम से मोहना संगम के पास बड़े ट्रीटमेंट प्लांट तक जाएगा। 50 प्रतिशत तक काम हो गया है। ताप्ती के संरक्षण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। घाटों का भी जीर्णोद्धार किया गया है।
अनिल भोसले, महापौर
ताप्ती नदी पर हो रहे अवैध खनन पर विभाग की ओर से लगातार कार्रवाई की गई है। अब 15 जून से 1 अक्टूबर तक ताप्ती नदी से पूरी तरह रेत के खनन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जहां स्टॉक है वे चालू रहते हैं।
कुलदीप जैन, खनिज इंस्पेक्टर

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