रिपोर्ट आने से पहले मरीज हो रहा स्वस्थ
दुनिया भर में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित होने वालों की संख्या बढ़ रही है। इंदौर-भोपाल में भी मामले सामने आ चुके हैं। इसके बाद भी वैरिएंट का पता करने के लिए बुरहानपुर से भेजे गए 10 सैंपलों की रिपोर्ट अब तक नहीं आई। इंदौर से दिल्ली भेजे गए सेंपल रिपोर्ट नहीं आई, जबकि मरीज स्वस्थ्य होकर घर से भी निकल गए।
ओमिक्रॉन गाइड लाइन अनुसार उपचार
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि ओमिक्रॉन की रिपोर्ट भले ही देरी से आ रही हो, लेकिन मरीज के इलाज में पूरे ओमिक्रॉन की गाइड लाइन का ही पालन कर रहे हैं, ताकि ओमिक्रॉन न बढ़े। लेकिन बुरहानपुर में भी यह राहत की बात है कि अब तक 307 मरीज मिले हैं, इनमें से केवल अब तक पांच मरीजों को ही निजी अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आई, वह भी स्वस्थ्य है।
रिपोर्ट में देरी से यह नुकसान
रिपोर्ट देरी से आने से सबसे बड़ा नुकसान यह है कि ओमिक्रॉन से मरीज संक्रमित हुए होंगे तो रिपोर्ट आने तक इस वैरिएंट से कई लोगों के संक्रमित होने की आशंका रहेगी। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि ओमिक्रॉन का ही पालन कराया जा रहा है।
बुरहानपुर में जो विदेश से आए लोग कोरोना पॉजिटिव निकले और एक ही परिवार में छह से सात सदस्य कोविड आने पर इनकी सेंपल जीनोम सिक्वेंसिंग टेस्टिंग के लिए भेजे गए थे, लेकिन मप्र में इसकी जांच की सुविधा न होने पर दिल्ली के भरोसे कम चल रहा है, जहां से रिपोर्ट आने में समय लग रहा है। इस चक्कर में तो मरीज ही स्वस्थ्य हो जा रहा है, लेकिन परेशानी यह है कि अगर ओमिक्रॉन की रिपोर्ट पॉजिटिव आती हैं, तो वह भारी पड़ सकती है। बता दें कि जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच के लिए सैंपल दिल्ली भेजे जा रहे हैं। इस कारण रिपोर्ट में देरी हो रही है।
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ओमिक्रॉन के प्रोटोकॉल का पालन कर रहे
8 सेंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। उनकी रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन हम ओमिक्रॉन वैरिएंट के हिसाब से ही पूरा प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। ताकि यह बीमारी फैले नहीं।
– रवींद्रसिंह राजपूत, महामारी अधिकारी जिला