यहां है अधिक मुसीबत-
सबसे अधिक परेशानी यात्रियों को उठाना पड़ रही है। बस स्टैंड पर शीत लहर के बीच यात्रियों को बसों का इंतजार करना पड़ रहा है। निगम की ओर से हर वर्ष अलाव जलाने की व्यवस्था करता है, लेकिन इस बार निगम ऐसे लोगों की सुध लेना भूल गया। दिसंबर की कड़ाके की ठंड के बाद भी अलाव के कोई इंतजाम नहीं किए गए। यही हाल रेलवे स्टेशन का है। जहां खुले आसमान के नीचे यात्रियों की रात ठंडी हवा के बीच निकल रही है। ऐसे में सबसे अधिक फजीहत बच्चों की हो रही है। पालक अपने बच्चों को जैसे तैसे ठंडसे बचाकर रात काट रहे हैं। यहां अलाव जलाने के इंतजाम होते तो सभी को राहत मिल सकती थी। ठंडके बीच लोगों के गर्म कपड़े भी ज्यादा फायदा नहीं दे पा रहे हैं।
दिल के मरीज रखें ध्यान-
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रमेश कापडिय़ा के अनुसार ठंड अधिक होने पर दिल के मरीजों को सेहत के संबंध में खास ध्यान रखना जरूरी है। ठंड से नसों में खून जमने लगता है, जिससे हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। शरीर में गरमी लाने के लिए दिल के मरीज व्यायाम करते हैं तो भी उनकी हार्ट बिट (धड़कन) तेज हो जाती है। इसके कारण भी दिल का दौरा पडऩे की संभावना रहती है।